दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड की सत्ता में वापसी का सपना देख रही कांग्रेस की सेकेंड लिस्ट पर मंगलवार दिनभर पार्टी के भीतर और बाहर गंभीर सवाल उठने के बाद हाईकमान एक्शन में आ गया है। हाईकमान तक प्रदेश नेताओं और अनन्य स्रोतों से यह फीडबैक पहुँचा है कि सेकेंड लिस्ट की कई सीटों पर कांग्रेस ने लाइटवेट प्रत्याशी उतारकर बीजेपी को वॉक ऑवर दे दिया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी में किस कदर हड़कंप मचा है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाईकमान ने सेकेंड लिस्ट की समीक्षा करने तक प्रत्याशियों को सिंबल देने पर भी रोक लगा दी है।
दरअसल, लालकुआं, कालाढूंगी, डोईवाला और ऋषिकेश को कांग्रेस अपने लिए मुफीद मानकर चल रही थी लेकिन इन सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद कई नेता माथा पकड़ कर बैठ गए हैं। जहां इन सीटों पर बगावत के बोल सुनाई दिए वहीं राजनीतिक पंडितों द्वारा कुछेक सीटों पर कांग्रेस के हार-जीत की लड़ाई से दूर तीसरे-चौथे नंबर पर खिसक जाने की बात कही जा रही। लिहाजा प्रभारी से लेकर स्क्रीनिंग कमेटी चीफ और दूसरे नेता तमाम नेताओं से बात कर रहे हैं और कल गणतंत्र दिवस के अवकाश के चलते नामांकन भी नहीं होने हैं लिहाजा इस दौरान पार्टी इन सीटों की समीक्षा कर नए सिरे से प्रत्याशियों का ऐलान करेगी।
कांग्रेस हाईकमान के लिए मुसीबत का सबब हरदा वर्सेस रणजीत रावत जंग भी बनी हुई है। हरीश रावत को रामनगर से टिकट मिल चुका है और रणजीत रावत रामनगर छोड़ने को तैयार नहीं है। रामनगर के झगड़े में सल्ट सीट भी फंस गई है। कहां तो कांग्रेस नैनीताल में इस बार भाजपा के छह की छह सीटों पर शिकस्त देने की रणनीति पर थी और कहां दूसरी लिस्ट के बाद लालकुआं से लेकर कालाढूंगी और रामनगर में पेंच फंस गए हैं।
दरअसल, सोमवार को कांग्रेस ने 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया था। इनमें डोईवाला से मोहित उनियाल शर्मा, कैंट से सूर्यकांत धस्माना, ऋषिकेश से जयेंद्र रमोला, ज्वालापुर से बरखा रानी, झबरेड़ा से वीरेंद्र जती, खानपुर से सुभाष चौधरी, लक्सर से अंतरिक्ष सैनी, रामनगर से हरीश रावत, लालकुआं से संध्या डालाकोटी, कालाढूंगी से डॉ0 महेंद्र पाल और लैंसडौन से अनुकृति गुंसाई को टिकट दिया गया था। जबकि नरेंद्र नगर, टिहरी, सल्ट, हरिद्वार ग्रामीण, रुड़की और चौबट्टाखाल को पेंडिंग रखा गया था। लेकिन कम से कम चार सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर कोहराम छिड़ गया है। जबकि रामनगर सीट पर हरदा और रणजीत रावत की जंग ने पार्टी को यहाँ और सल्ट को लेकर संकट में डाल दिया है।
कांग्रेस आलकमान तक फीडबैक पहुँचा है कि लालकुआं से बेहतर होता अगर प्रत्याशी बदलना था तो पूर्व सीएम हरीश रावत को ही लड़ाया जाता। अब संध्या डालाकोटी को टिकट देने से तो हरीशचन्द्र दुर्गापाल और हरेन्द्र वोरा दोनों नाराज होकर बागी हो चले हैं। हरदा लालकुआं से आते तो न रामनगर का रण छिड़ता और सल्ट भी संकट में फँसी नजर नहीं आती।
दूसरी सीट कालाढूंगी है जहां से महेश शर्मा की तैयारी थी लेकिन डॉ महेन्द्र पाल को टिकट मिलने से यह सीट भी खटाई में पड़ती नज़र आ रही है।
इसी तरह डोईवाला में माहौल ऐसा था कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत सीट छोड़कर चुनाव न लड़ने का ऐलान कर बैठे। अब कांग्रेस ने युवा कोटे का एक्सपेरिमेंट कर खुद को जीत से बहुत पीछे धकेल लिया। जबकि उसके पास पहले हीरा सिंह बिष्ट थे जिनको रायपुर भेजा गया है, तथा हरक सिंह रावत से लेकर एसपी सिंह जैसे चेहरे मौजूद हैं। ऋषिकेश में भी शूरवीर सिंह सजवाण जैसे पुराने दिग्गज को नजरअंदाज कर युवा जयेंद्र रमोला पर दांव लगाना कईयों को अचरज भरा लग रहा है।
पार्टी आलाकमान के सामने सबसे बड़ी मुसीबत रामनगर सीट को लेकर खड़ी हो गई है। हरदा ने 28 को नामांकन का ऐलान कर दिया है और रणजीत रावत सल्ट जाने की बजाय रामनगर से ही बागी होकर चुनावी ताल ठोकने का दम भर रहे हैं। रामनगर में रणजीत रावत के आवास पर मंगलवार को भारी जमावड़ा हुआ और रणजीत ने सुलह सफाई की किसी भी दिल्ली-देहरादून की बैठक में वक्त जाया करने की बजाय निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी पर फोकस कर पार्टी को संकट का अहसास करा दिया है। लेकिन हरदा ने भी सख्त रुख अपनाते हुए रामनगर से हटने से फिलहाल इंकार कर संकट की गहराई का अहसास कराया है।
बहरहाल कांग्रेस हाईकमान ने लिस्ट होल्ड कर डैमेज कंट्रोल का दांव ज़रूर चला है लेकिन क्या बीजेपी को वॉक ऑवर वाली सीटों पर चेहरे बदलेंगे?