- 72 घंटे बाद कांग्रेस में एंट्री के लिए बचा अब ये रास्ता
- सियासी सौदेबाज़ी नहीं सब कांग्रेस की हर शर्त मानने को मजबूर
- एंट्री का प्रस्ताव बनकर पहुँचा राहुल गांधी के दरबार
- मंजूरी मिलने के बाद ही हो पाएगी ज्वाइनिंग
दिल्ली/देहरादून: कहते हैं कई बार सियासत में एक दांव उलटा पड़ जाए तो पूरी बाजी पलट जाती है। उत्तराखंड के सबसे बड़े मौसम वैज्ञानिक डॉ हरक सिंह रावत के साथ बिलकुल ऐसा ही होता दिख रहा है। क्या तो 18 मार्च 2016 को पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के साथ पूरी बारात लेकर भाजपा में पहुँचे थे और क्या आज भाजपा से बड़े बेआबरू होकर निष्कासन झेलकर बाहर निकलना पड़ा है। वैसे भाजपा से विदा लेने की पटकथा हरक सिंह रावत खुद ही लिख रहे थे लेकिन थोड़ा प्लान लीक हो गया और भाजपा आलाकमान ने एक्शन लेने में देरी नहीं की।
जी हां भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के जरिए हरक सिंह रावत का प्लान डी-कोड करने में कामयाब रही और इससे पहले की हरक गाजे-बाजे के साथ दो सीट पाकर कांग्रेस में शामिल होते भाजपा ने सियासी दग़ाबाज़ी कर पालाबदल को आतुर हरक सिंह रावत पर बर्ख़ास्तगी ब्रह्मास्त्र चला दिया। नतीजा यह हुआ कि आज चौथा दिन गुजर गया और हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री नहीं हो पा रही। आगे भी कांग्रेस में घर वापसी को लेकर पुख़्ता तौर पर कुछ खास कहा नहीं जा सकता है।
भाजपा के बर्ख़ास्तगी ब्रह्मास्त्र ने हरक के पूरे सियासी गणित को गड़बड़ा दिया। कहां तो हरक दो सीट अपने लिए एक खुद और दूसरी सीट अपनी पुत्रवधू के लिए मांग रहे थे साथ ही भाजपा से एक-दो और एमएलए लेकर आने की हैसियत में दिख रहे थे। कहां अब चार दिन से दिल्ली में डेरा डाले पड़े हैं लेकिन कांग्रेस में एंट्री नहीं हो पा रही है। आड़े जहां हरक सिंह रावत का बड़बोलापन आ रहा है, वहीं कमजोर मददगार गणेश गोदियाल के मुकाबले कद्दावर हरीश रावत का विरोध झेलना पड़ रहा है। हालाँकि चार दिन पार्टी के दरवाजे खड़ा रहने के बावजूद एंट्री न होने देने के बाद कांग्रेस व हरदा ने हरक सिंह रावत को उनकी सियासी जमीन तो दिखा ही दी है।
हालात ऐसे हैं कि हरक की सियासी कश्ती मँझधार में फँस चुकी हैं और किनारा आसानी से मिल नहीं रहा है। चार दिन छकाकर अब हरक की कांग्रेस में एंट्री का फ़ॉर्मूला बनकर तैयार हो गया है। कांग्रेस में जिस फ़ॉर्मूले पर हरीश रावत भी सहमत हो गए हैं और मजबूरन हरक सिंह रावत को भी सहमति देनी पड़ी है वह है कि हरक सिंह रावत की कांग्रेस में घर वापसी हो जाएगी लेकिन टिकट सिर्फ बहू अनुकृति गुंसाई को ही मिलेगा। लैंसडौन सीट से अनुकृति को कांग्रेस उम्मीदवार बनाया जायेगा लेकिन हरक सिंह रावत को पार्टी टिकट नहीं देगी। यानी हरक सिंह रावत के कोटे में सिर्फ एक सीट ही आएगा।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस फ़ॉर्मूले को कंफर्म करार देते हुए कहा है कि हरीश रावत, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह से लेकर प्रभारी देवेन्द्र यादव और हरक सिंह रावत में इस पर सहमति बनने के बाद प्रस्ताव राहुल गांधी के दरबार में पेश कर दिया गया है। अब कांग्रेस नेतृत्व की मंजूरी के बाद ही हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री का प्रोग्राम तय होगा।
जाहिर है हरक सिंह रावत के लिए यह राजनीतिक झटके से कम नहीं लेकिन भाजपा ने निष्कासित कर जो झटका दिया उसने हरक सिंह की सारी राजनीतिक गुणा-भाग गड़बड़ा दी और अब कांग्रेस में एंट्री के लिए ऐड़ी रगड़ने की नौबत आन खड़ी हुई।