देहरादून: बाइस बैटल में 60 प्लस का नारा बुलंद कर चुनावी ताल ठोक रही सत्ताधारी बीजेपी दंगल से पहले ही दलबदल कराकर अपनी क़िलेबंदी मजबूत करना चाह रही है। बीजेपी राजकुमार के रूप में एक कांग्रेस विधायक और दो निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार व रामसिंह कैड़ा को कमल कुनबे में शामिल कर चुकी है। अब सत्ताधारी पार्टी की नजर काग्रेस के उन चेहरों पर है जिनके बाइस बैटल में इक्कीस साबित होने की प्रबल संभावना है।
बेहद विश्वसनीय सूत्रों ने खुलासा किया है कि ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत कांग्रेस का एक मजबूत विकेट अब बीजेपी जल्द चटकाने जा रही है। इन जानकार सूत्र ने बताया है कि दशहरे के मौके पर कांग्रेस का कुमाऊं से एक कद्दावर विधायक बीजेपी का दामन थामेगा। राष्ट्रीय स्तर पर न केवल बीजेपी नेतृत्व से इस विधायक की मुलाकात हो चुकी है बल्कि दशहरा के मौके पर इस ‘शुभ-कार्य’ को अंजाम देने की तारीख भी तय हो चुकी है।
जाहिर है अगर कुमाऊं से यह विधायक टूट गया तो इससे न केवल कांग्रेस को भारी नुकसान होगा बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस कैंपेन कमेटी के कमांडर हरीश रावत के लिए यह ‘जोर का झटका’ धीरे से होगा। इस विधायक की कांग्रेस से विदाई होने का मतलब होगा हरीश रावत के लिए बाइस बैटल से पहले ही ‘घरेलू’ और ‘बाहरी’ दोनों मोर्चों पर ऐसी चुनौती खड़ी होना जिससे पार पाना खड़े पहाड़ की चढ़ाई करना होगा।
जानकार सूत्र ने दावा किया है कि भले बीजेपी 60 प्लस का हल्ला मचा रही हो लेकिन बावजूद इसके इस विधायक की जीत को लेकर वह पूरी तरह आश्वस्त है और पार्टी को लगता है कि ऐन चुनाव के मौके पर यह वज़नदार विधायक पालाबदल कर लेगा तो इसकी भरपाई करना न केवल कांग्रेस बल्कि खुद हरीश रावत के लिए असंभव जैसा हो जाएगा।
जानकार सूत्र ने यह भी खुलासा किया है कि सत्ता में बीजेपी वापसी करती है तो कुमाऊं का यह विधायक मंत्री पद भी पाएगा। यह भी खुलासा किया गया है कि अभी गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कई और जिताऊ कांग्रेसी विधायकों-पूर्व विधायकों पर नजर है। यानी सियासी शतरंज की बिसात बिछने से पहले कांग्रेस को चेक-मेट करने की चाल और जाल बुना जा रहा है।
सवाल है कि विपक्षी में बैठी कांग्रेस सत्ता हासिल करने के सपने खूब बुन रही है लेकिन जब उसकी दीवार के मजबूत पिलर ही उखड़ते चले जाएंगे तब सपनों की इन बुलंद इमारतों के हकीकत की जमीन पर धराशायी होने में कितना वक्त लगेगा!