- ‘टीम धामी’ की धड़कनें बढ़ा रहा पोर्टफ़ोलियो का इंतजार
- 23 मार्च को मंत्रियों ने ली थी शपथ विभागों के लिए अभी करना पड़ सकता है और इंतजार
- मुख्यमंत्री पुष्कर तसल्ली से होमवर्क कर देंगे अपने मंत्रियों को कामकाज
- शपथग्रहण के मंच से दिखे थे कई मंत्री सीएम से खींचे-खींचे
- कहीं इन मंत्रियों के पर कतरवाने की तैयारी में तो नहीं ‘धामी किचन कैबिनेट’?
देहरादून: …तो धामी कैबिनेट के कई मंत्रियों के आकलन धराशायी होने लगे हैं! कई मंत्रियों खासकर रिपीट मंत्रियों को लगता था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शपथ क तुरंत बाद बिना देरी किए विभागों का बँटवारा भी कर देंगे। लेकिन ऐसे दिग्गज मंत्री गलत साबित होते दिख रहे हैं। 26 मार्च को भी मुख्यमंत्री धामी ने अपनी टीम को कामकाज नहीं दिया है और अधिकतर मंत्री हैं टकटकी लगातार बेसब्री से विभागों के आवंटन का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि पुष्कर सिंह धामी किसी तरह की जल्दबाज़ी या हड़बड़ी में विभाग बांटने के मूड में नहीं हैं।
खबरें तो यहाँ तक आ रही हैं कि कई पुराने दिग्गज मंत्रियों के मलाईदार विभागों पर कैंची चलाकर हलके विभाग थमाने पर भी मंथन हो रहा है। इसकी वजह यह समझाई जा रही कि सीएम धामी विभाग बँटवारे में अधिकतम अपनी चलाने के मूड में हैं और कुछ मंत्रियों को विभाग आवंटन से खुद के सरकार का बॉस होने का मैसेज देना चाह रहे हैं। कहा जा रहा है कि ऊर्जा, आवास, शहरी विकास, पीडब्ल्यूडी, हेल्थ, होम, वित्त और खनन और आबकारी जैसे विभागों को हासिल करने की वरिष्ठ मंत्रियों की हसरत अधूरी रह सकती हैं क्योंकि चर्चाएं हैं कि ऐसे तमाम अहम और मलाईदार विभाग मुख्यमंत्री खुद के पास ही रख सकते हैं। वैसे आधार भी बन जाएगा कि अभी कैबिनेट की एक चौथाई सीटें यानी तीन कुर्सियां खाली हैं लिहाजा मुख्यमंत्री का अपने पास ऐसे तमाम अहम विभाग रखना मजबूरी है।
वैसे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी 2017 में सीएम बनने के बाद भारी भरकम विभाग अपने क़ब्ज़े में रखे थे और बाद में उनके प्रति बढ़ी नाराजगी की एक वजह यह भी बनी कि वे अहम विभागों को शुरू से दबाए थे। अब क्या पुष्कर सिंह धामी भी उसी मार्ग पर चलते हुए अपने मंत्रियों को विभाग बाँटेंगे या फिर ऊर्जा, PWD, खनन और आबकारी जैसे मलाईदार विभागों का लालच त्यागकर अपने मंत्रियों से बेहतर डिलिवरी लेना पसंद करेंगे। वैसे भी उत्तराखंड में खनन और आबकारी को सबसे बदनाम विभाग बनाकर रख दिया गया है क्योंकि इन विभागों से राजस्व के टारगेट पूरे हो या न हों लेकिन सत्ता मे बैठे कर्ताधर्ताओं के वारे-न्यारे ज़रूर हो जाते हैं।
इंतजार करना होगा कि आखिर मुख्यमंत्री धामी विभाग आवंटन के इंतजार में बैठे मंत्रियों को कब और कौन-कौन से विभाग अलॉट करते हैं? मंत्रियों को विभाग बँटवारे से ही मुख्यमंत्री धामी और उनके मंत्रियों की भविष्य में बनने वाली तस्वीर का ट्रेलर दिख जाएगा। यहीं वजह है कि मंत्री जहां दिनभर आज भी विभाग आवंटन की बांट जोहते रहे और धामी ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को विधायी और संसदीय कार्य मंत्रालय का ज़िम्मा देकर अपने इरादों का इज़हार कर लिया है। कल धामी गोवा जा सकते हैं जहाँ वे भाजपा सरकार के 28 मार्च के शपथग्रहण समारोह में शिकरत करेंगे।
कहने को मुख्यमंत्री धामी के पास देरी की साफ वजह भी है कि 25 मार्च को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण समारोह में लखनऊ पहुँचना पड़ा। और अब 28 मार्च के गोवा की सामंत सरकार के शपथग्रहण में जाने का कार्यक्रम है। उसके बाद 29 से विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र शुरू हो जाएगा।