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Agricultural Census training program: एसीएस आनंद बर्द्धन ने कहा: कृषि-किसान के विकास में डेटा का अहम रोल

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Dehradun: शुक्रवार को देहरादून में केंद्र सरकार के कृषि व कृषक कल्याण विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कृषि गणना योजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। अपर मुख्य सचिव तथा अध्यक्ष उत्तराखण्ड कृषि संगणना आयुक्त आनन्द बर्धन की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि संगणना के आंकड़ों की अहमियत और ट्रेनिंग प्रोग्राम पर जोर दिया गया।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड कृषि संगणना आयुक्त आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कृषि संगणना के आंकड़ों का उपयोग विभिन्न हित धारकों द्वारा विकास योजना, सामाजिक आर्थिक नीति निर्माण और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की स्थापना के लिए किया जाता है। उन्होंने इस कार्यक्रम को कृषि के विकास तथा कृषकों के हित में बताया। एसीएस बर्द्धन ने कृषि संगणना की महत्ता पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कृषि संगणना के आंकड़े हमारे देश की कृषि नीतियों और योजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस अवसर पर कृषि गणना के मुख्य उद्देश्य प्रचालन स्थिति की संख्या एवं संरचना की गणना, भूमि उपयोग एवं फसल पैटर्न सहित सिंचाई एवं काश्तकारी विवरण, अनुसूचित जाति/जनजाति/महिला सहित विभिन्न आकार के जोतों का विवरण और कृषि में इनपुट उपयोग के पैटर्न से संबंधित उद्देश्यों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में कृषि गणना योजना के तृतीय एवं चतुर्थ चरण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसके अंतर्गत कृषि संगणना के आंकड़ों का संकलन एजी सेंसस एप्प के माध्यम से फील्ड के आंकड़ों को इकट्ठा कर किया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि कृषि गणना योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 20 प्रतिशत राजस्व ग्रामों में सिंचित एवं असिंचित क्षेत्रफल, जोत के पट्टे की सूचना एवं फसल पैटर्न को एजी सेंसस एप्प के माध्यम से फीड कर डाटा संकलन किया जाता है। कृषि गणना के तृतीय चरण में काश्तकार के परिवार के सदस्यों की संख्या, शिक्षा का स्तर, आयु एवं काश्तकार द्वारा उपयोग किये जाने वाले इनपुट-खाद, रासायनिक उर्वरक, बीज, दवाईयां, कृषि ऋण, कृषि यंत्र आदि की सूचना संकलित की जाती है।

बैठक में जानकारी दी गई कि कृषि गणना वर्ष 2015-16 के अनुसार राज्य में कुल राजस्व ग्राम 16674, कुल क्रियात्मक जोतदार 881305, कुल क्रियात्मक क्षेत्रफल 747319.695 हेक्टेयर, अनुसूचित जाति क्रियात्मक जोतदार 123800, अनुसूचित जनजाति क्रियात्मक जोतदार 28135, महिला क्रियात्मक जोतदार 105124, पुरुष क्रियात्मक जोतदार 774557, संयुक्त जोत 201318, व्यक्तिगत 678363, संस्थागत जोत 1624 है।

दरअसल, अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के महत्व को समझते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग 1970-71 से कृषि जनगणना योजना को क्रियान्वित कर रहा है। भारत में कृषि जनगणना संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा विकसित दशकीय विश्व कृषि जनगणना (WCA) के व्यापक दिशा-निर्देशों के अनुसार पांच वर्ष के अंतराल पर आयोजित की जाती है।

1970-71 से अब तक देश में 10 कृषि जनगणनाएँ की जा चुकी हैं और वर्ष 2021-22 के साथ वर्तमान कृषि जनगणना इस श्रृंखला में 11वीं है। 11वीं कृषि जनगणना (2021-22) का शुभारंभ 28 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री द्वारा किया गया था।

देहरादून में आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम के अवसर पर आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद चन्द्रेश कुमार, अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ शिव कुमार बरनवाल, अपर जिलाधिकारी पौड़ी इला गिरी, भारत सरकार की प्रतिनिधि जागृति गोयल, सहायक निदेशक, भारत सरकार राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों, सहायक सांख्यिकी अधिकारियों, कृषि निदेशालय उत्तराखण्ड एवं राज्य परिषद के सांख्यिकी अन्वेषण के कर्मियों ने भी भाग लिया।

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