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Avalanche in Utttarkashi: मंगलवार को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का प्रशिक्षण दल उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा में पर्वत 2 में अवलांच की चपेट में आ गया जिसके बाद बड़ा हादसा हो गया है। NIM के 28 प्रशिक्षणार्थी ग्लेशियर के बीच बड़ी दरार बनने से उसमें फंस गए। इस हादसे में अब तक 10 ट्रैकर्स के शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि 18 लोग अभी भी लापता हैं जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में NIM के अलावा NDRF, SDRF, Army और जिला प्रशासन जुटा है। एयरफोर्स ने फंसे हुए पर्वतारोहियों के रेस्क्यू के लिए 2 चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
Avalanche में ट्रैकर्स के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से टेलीफोन पर वार्ता कर मदद मांगी। हालांकि इतनी हाइट पर अब जब बर्फबारी शुरू हो गई है तब रेस्क्यू ऑपरेशन की रफ्तार धीमी हो गई है।
पीटीआई के अनुसार द्रौपदी का डांडा जहां अवलांच की घटना हुई है वह 5006 मीटर की ऊंचाई पर है। उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने मीडिया को जानकारी दी है कि अवलांच में फंसे लोगों में NIM ke ट्रेनी पर्वतारोही और उनके साथ गए ट्रेनर हैं।
“द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है।
माननीय केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री Rajnath Singh जी से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है।
प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।”
पुष्कर सिंह धामी,
मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड