हरिद्वार:
बुधवार को भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने देश में तीसरी लहर की चेतावनी दे डाली..यानी ये राज्यों के लिए कोविड कहर की आने वाली चुनौती से निपटने के लिए तैयारियों की अलार्म बेल है. लेकिन कोविड की दूसरी लहर में स्वास्थ्य तंत्र लाचार-बीमार दिख रहा. उत्तराखंड में भी अब हालात बद से बदतर होने लगे हैं. अंदाज़ा लगाइये राज्य की स्वास्थ्य सेक्टर की तैयारियों का जहां सीएम चौबीस घंटे पहले नामी-गिरामी बाबा रामदेव के साथ मिलकर जिस कोविड हॉस्पिटल का उद्धाटन करके आए वहाँ से एक के बाद एक बदइंतज़ामी और लापरवाही की हैरान कर देने वाली खबरें आने लगी हैं.
मंगलवार को हरिद्वार में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और बाबा रामदेव ने जिस 150 बेड के कोविड केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया गया था उसमें 24 घंटों के भीतर ही अव्यवस्थाएं सामने आने लगी हैं. अस्पताल में भर्ती कनखल की रहने वाली 66 साल की एक महिला की मौत हो गई. महिला की मौत पर उसके बेटे ने अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है. महिला के बेटे का कहना है कि कल उद्घाटन के तुरंत बाद ही उन्हें वेंटिलेटर उपलब्ध ना होने की बात कहकर मरीज को ले जाने के लिए कह दिया गया था. लाख मिन्नतें करने पर भी मरीज को वेंटिलेटर पर शिफ्ट नहीं किया गया. इतना ही नहीं उसकी मां की मौत के बारे में उसे कुछ नहीं बताया गया. आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार और पतंजलि योगपीठ मिलकर 150 बेड के इस कोविड अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। अस्पताल का उद्घाटन मंगलवार को स्वामी रामदेव और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की मौजूदगी में किया गया था. पूरे मामले पर अधिकारी बात करने से भी बच रहे हैं.
रिपोर्ट: आशीष मिश्र, स्थानीय पत्रकार, हरिद्वार