

देहरादून: 28 मार्च को उधमसिंह नगर में नानकमत्ता डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की सरेआम गोलियों से छलनी कर हत्याकांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी शार्प शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू को सोमवार रात पुलिस और एसटीएफ ने ज्वाइंट ऑपरेशन में हुए एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड पुलिस महकमे की घटना को लेकर खिंचाई करते हुए सख्त निर्देश दिए थे कि जल्द से जल्द आकाश पाताल एक कर अपराधियों को जिंदा या मुर्दा धर दबोचा जाए ताकि अपराध और अपराधियों को लेकर पुलिस का इकबाल भी बुलंद हो और जीरो टॉलरेंस का सख्त सन्देश जाए।
मुख्यमंत्री धामी के सख्त तेवरों के बाद हरकत में आए डीजीपी अभिनव कुमार ने खुद घरनास्थल का दौरा किया और एसआईटी गठित कर केस की तहकीकात तेज की। इस हाई प्रोफाइल मर्डर मामले में जिन लोगों को अब तक आरोपी बनाया गया उनमें रिटायर्ड आईएएस डॉ हरबंस सिंह चुघ का नाम भी संलिप्त है।सीएम धामी ने इस हाई प्रोफाइल केस की जल्द से जल्द पड़ताल के निर्देश दिए जिसका असर यह हुआ कि बीती रात्रि एक खुफिया इनपुट के बाद हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान भागने और फायरिंग करने पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने शार्प शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू को ढेर कर दिया। जबकि इसके फरार साथी सर्वजीत सिंह की तलाश में अभियान चलाया जा रहा है।

बीच लोकसभा चुनाव जिस तरह से बाबा तरसेम सिंह की हत्या कर देने से लॉ एंड ऑर्डर के मोर्चे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया था लेकिन इस मामले में सीएम की सख्ती के बाद हुए एक्शन से अब बीजेपी हमलावर हो गई है और पार्टी के पांचों उम्मीदवारों की चुनावी राह आसान नजर आ रही है।
यही कारण है कि बीजेपी ने बाबा तरसेम के हत्यारों पर हुई पुलिस कार्रवाई को अपराध के विरुद्ध धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम बताया है ।
पार्टी प्रदेश मीडिया सेंटर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि जब नानकमत्ता डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण एवं कायरतापूर्ण हत्या की गई तो तत्काल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश पुलिस प्रशासन को दिए थे। जोशी ने कहा कि उस समय ही स्पष्ट कर दिया गया था कि हत्यारों के साथ अपराध पर सीएम धामी के निर्देशानुसार जीरो टॉलरेंस नीति पर अमल किया जाएगा। उन्होंने सीएम के सख्त कार्रवाई के निर्देश के बाद पुलिस की तत्परता और एक्शन पर संतोष जताते हुए कहा कि बाबा के निर्दयी हत्यारे का पुलिस मुठभेड़ में मारा जाना बताता है कि धामी राज में अपराधियों का उत्तराखंड में बचना नामुमकिन है।
इस दुखद घटना पर सीएम धामी के निर्देश पर हुई कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि जब जब कोई भी कानून व्यवस्था को चुनौती देगा उस पर कानून का शिकंजा कसना तय है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर अमल से स्पष्ट संदेश गया है कि उत्तराखंड के अंदर कोई भी बदमाश या कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेने का साहस नहीं करेगा । फिर भी यदि कोई देवभूमि की शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे अपनी सजा किसी न किसी रूप में भुगतनी पड़ेगी ।
जाहिर है सत्ताधारी बीजेपी और पांचों पार्टी उम्मीदवार धामी सरकार के सख्त एक्शन को चुनावी अखाड़े में मजबूत दांव के तौर पर अपने विरोधियों पर आजमाने से नहीं चूकेंगे।