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धर्मन्यूज़ 360

बदरीनाथ धाम के खुले कपाट, मंदिर 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया,PM मोदी की ओर से पूजा एवं महाभिषेक समर्पित

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  • विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुले अखंड ज्योति के दर्शन हुए। वेदऋचाओं के उदघोष के साथ ब्रह्ममुहुर्त में खुल गये कपाट।
    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से बदरीनाथ धाम में कल्याण एवं आरोग्यता की भावना से पूजा-अर्चना एवं महाभिषेक समर्पित हुआ।
  • मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। आशा प्रकट की है कि जल्द कोरोना महामारी से आमजनमानस को निजात मिलेगी।
  • पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जतायी कहा कोरोना से बचाव हेतु अस्थायी तौर पर चारधाम यात्रा पर रोक लगायी गयी।
  • कपाट खुलते समय पूजा ब्यवस्था से जुड़े चुनिंदा प्रतिनिधि मौजूद रहे।
  • बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, उप जिलाधिकारी तथा धर्माधिकारी, वेदपाठीगण मौजूद रहे।
  • कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित, यात्रियों को आने की अभी अनुमति नहीं।
  • कपाट खुलने के दौरान कोरोना बचाव मानको का हुआ पालन

बदरीनाथ धाम: बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को वैदिक मंत्रोचार एवं शास्त्रोक्त विधि-विधान से आज मेष लग्न पुष्य नक्षत्र में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिये गये है। ग्रीष्म काल में निरंतर भगवान बदरीविशाल की पूजा- अर्चना होगी। इस अवसर पर मंदिर तथा मंदिर मार्ग को श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति द्वारा लगभग 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था‌। प्रात: तीन बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी कुबेर बामणी गांव से लक्ष्मी द्वार से मंदिर प्रांगण पहुंचे। उद्धव जी भी मुख्य द्वार से अंदर पहुंचे। ठीक प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुले इस अवसर पर कुछ ही लोग अखंड ज्योति के गवाह बने। रावल द्वारा गर्भगृह में प्रवेशकर मां लक्ष्मी को उनके परिक्रमा स्थित मंदिर में विराजमान किया तत्पश्चात भगवान के सखा उद्धव एवं देवताओं के खजांची श्री कुबेर मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो गये। डिमरी पंचायत प्रतिधियों द्वारा भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु राजमहल नरेन्द्र नगर से लाये गये तेल कलश( गाडू घड़ा) को गर्भ गृह मे़ समर्पित किया


इसके साथ ही भगवान को माणा गांव के महिला मंडल द्वारा शीतकाल में कपाट बंद करते समय औढाया गया घृत: कंबल उतारा गया तथा प्रसाद स्वरूप बांटा गया। भगवान के निर्वाण दर्शन के बाद अभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान बदरीविशाल का श्रृंगार किया गया इस तरह निर्वाण दर्शन से श्रृंगार दर्शन की प्रक्रिया पूरी होती है। इस संपूर्ण पूजा प्रक्रिया में रावल, डिमरी भीतरी वडुवा, आचार्यों, हक हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों की भूमिका रही। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रथम महाभिषेक प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी के नाम से जनकल्याण एवं आरोग्यता की भावना से समर्पित किया गया है।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी श्रद्धालुजनों को बधाई दी है तथा सभी के आरोग्यता की कामना की।कहा है कि लोग अपने घरों में रहकर पूजापाठ करें।पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई कहा कि कोरोना की समाप्ति के बाद चारधाम यात्रा पुन: शुरू होगी।

कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी.सिंह, उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, डिमरी पंचायत पदाधिकारी आशुतोष डिमरी, विनोद डिमरी, तहसील दार चंद्रशेखर वशिष्ठ पुलिस जिला प्रशासन आईटीबीपी, सेना के अधिकारी मौजूद रहे।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा मंदिर परिसर,बस टर्मिनल तथा स्वागत कार्यालय, आवासों में पर्याप्त सेनिटाईजेशन किया है, कपाट खुलने के दौरान कोविड बचाव मानकों का पालन हुआ मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग, सेनिटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग का प्रयोग हो रहा है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिक्रमा स्थित मंदिरों माता लक्ष्मी मंदिर, हनुमान, गणेश, श्री आदि केदारेश्वर, श्री शंकराचार्य मंदिर,माता मूर्ति मंदिर माणा तथा पंच बदरी में एक श्री भविष्य बदरी मंदिर के कपाट भी खुल गये है जबकि चारधामों में से यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री धाम के 15 मई, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुल चुके है। तृतीय केदार तुंगनाथ एवं चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट भी 17 मई को खुल गये है। द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर के कपाट 24 मई को खुल रहे हैं जबकि हेमकुंड गुरूद्वारा साहिब तथा लोकपाल श्री लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुलने की तिथि अभी तय नहीं है।

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