

UP News: उधर मोदी-शाह मिशन 2024 को लेकर चुनावी जीत की हैट्रिक लगाने की पटकथा लिखने में बिजी हैं और इधर सियासी लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे यूपी के राजनीतिक गलियारे से खबर आ रही कि बाराबंकी से बीजेपी सांसद उपेंद्र रावत समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार होने को बेताब बताए जा रहे हैं। यूपी की सियासत में इस तरह की चर्चा को तब और ज्यादा बल मिल गया जब सोशल मीडिया पर बीजेपी सांसद उपेंद्र रावत की सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राकेश वर्मा और उनके परिवार के साथ बैठक की तस्वीरें वायरल होने लगी।
दरअसल, उपेंद्र रावत समर्थकों को चिंता सता रही कि कहीं मिशन 2022 में बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की परफॉर्मेंस कमजोर रहने का खामियाजा उनको न भुगतना पड़ जाए। अब जब 2024 के लोकसभा चुनाव को महज सालभर का वक्त ही बचा है और ऐसे में बीजेपी के कई सांसदों को टिकट काटे जाने की चिंता सताने लगी है। बाराबंकी सांसद उपेंद्र रावत भी उन्हीं कुछ सांसदों में से एक बताए जा रहे हैं।
उनका टिकट काटने की आशंका के पीछे का तर्क कुछ लोग ये दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में बाराबंकी लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 5 विधानसभा सीटों में बीजेपी 3 विधानसभा हार गई थी। जबकि एक विधानसभा सीट तो सत्ताधारी पार्टी महज 300 से भी कम वोटों से जीत पाई थी।
जाहिर है जब पूरे प्रदेश में बीजेपी की जीत का परचम लहरा रहा था, तब बाराबंकी में हार ने पार्टी नेतृत्व को सकते में डाल दिया था। खास बात यह है कि बीजेपी वोटों के आधार पर पूरे लोकसभा में सपा से काफी पिछड़ रही थी और पंचायत स्तर पर होने वाले चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। साफ है ये सारी चीजें आलाकमान की चिंता बढ़ाने वाली हैं।
बात इतनी भर नहीं है बल्कि बीते दिनों जिस तरह से अधिकारियों के साथ बीजेपी सांसद उपेंद्र रावत का गाली गलौज करने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ,उसने भी लखनऊ से लेकर दिल्ली दरबार तक उनके लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है।
बाराबंकी से ऐसी खबरें भी खूब आती रही हैं जब सांसद उपेंद्र रावत पर कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार ना करने की शिकायतें आई। चर्चा ये भी है कि जब से उपेन्द्र रावत सांसद हुए हैं, तब से उन्होंने क्षेत्र के विकास पर ध्यान देने की बजाय अपने ही विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। कहते हैं कि कुछ साल पहले तक पुरानी एम्बेसडर में चलते दिखने वाले उपेंद्र रावत अब कई महंगी और लक्ज़री गाड़ियों से चलते हैं।
जाहिर है एक तो विधानसभा चुनाव में बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर सत्ताधारी बीजेपी की परफॉर्मेंस कमजोर रहना, दूसरा क्षेत्र में सांसद को लेकर लोगों की नाराजगी दिखना 2024 की लड़ाई में उनके लिए टिकट की राह कठिन बना सकती है। शायद यही वजह हो कि बीजेपी नेतृत्व द्वारा टिकट काट दिए जाने की आशंका से अलर्ट होकर सांसद उपेन्द्र रावत समाजवादी पार्टी में खुद के लिए नई राजनीतिक संभावनायें तलाशने में तो नहीं जुट गए हैं।
सपा के दिग्गज नेताओं से मुलाकात की सोशल मीडिया में वायरल तस्वीरें कितना सच साबित होती हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा जब 2024 को लेकर बीजेपी और सपा उम्मीदवारों के नाम सामने आ जायेंगे। लेकिन कल तक समाजवादी पार्टी को यूपी के महज दो जिलों की पार्टी बताने वाले बीजेपी सांसद का यूं सपा नेताओं के साथ नजर आना बाराबंकी की सियासत को लेकर कई तरह के सवालों को तो जन्म देता ही है। रिपोर्ट: राजन सिंह