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परसेप्शन बैटल: समूह ‘ग’ भर्ती परीक्षाओं में इंटरव्यू खत्म, HC जज की निगरानी में जांच जैसे कदमों से CM धामी दे रहे बड़ा मैसेज, उधर बेरोजगारों ने डिजिटल सत्याग्रह से खोला जंग का नया मोर्चा

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  • बेरोजगार युवाओं के आंदोलन और सीबीआई जांच की डिमांड को लेकर छिड़े सत्याग्रह पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद बदले हालात संभालने में कोर कसर नहीं छोड़ रहे सीएम धामी!
  • मुख्यमंत्री धामी ने समूह ’ग’ परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने की की घोषणा भी इसी दिशा में उठा कदम!
  • पी०सी०एस० एवं अन्य उच्च पद में साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखा जाएगा
  • साक्षात्कार में 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं नंबर तो देना होगा स्पष्टीकरण
  • हल्द्वानी में आयोजित रैली में हजारों युवाओं ने बढ़ चढ़ कर किया प्रतिभाग, सख़्त नकल विरोधी कानून का किया स्वागत

Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद युवा हैं और युवाओं में उनके असर को जानते हुए ही बीजेपी नेतृत्व ने 2022 में दोबारा सत्ता मिली तो उन्हीं पर भरोसा जताकर इसे साबित भी कर दिया था। Dhami Govt 1.0 रही हो या Dhami Govt 2.0 मुख्यमंत्री पुष्कर ने खाली पड़े सरकारी पदों को भरने का मामला रहा हो या उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग UKSSSC के पेपर लीक कांड के बाद 50 के आसपास नकल माफिया आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे धकेला हो, मैसेज एक ही देने की कोशिश रही कि युवा सीएम युवा बेरोजगारों के हक में हर बड़ा कदम उठाने से हिचकिचाएंगे नहीं।

लेकिन पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच की मांग पर मुख्यमंत्री धामी और बेरोजगार युवाओं की आवाज उठा रहे उत्तराखंड बेरोजगार संघ और उसके अध्यक्ष बॉबी पंवार में ठन गई। नतीजा ये रहा कि बेरोजगारों की नकल माफिया पर निर्णायक प्रहार को लेकर पेपर लीक कांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग जोर पकड़ती गई और इसकी परिणति आठ और नौ फरवरी के पुलिस लाठीचार्ज और पत्थरबाजी के तौर पर सामने आई।

इस घटना के बाद बेरोजगार युवाओं में यह परसेप्शन बनने लगा कि युवा होकर भी सीएम उनकी सीबीआई जांच की मांग न मानकर किसी को बचाना चाह रहे हैं, तो वहीं सीएम धामी ने इसके पीछे विपक्षियों का हाथ बताकर काउंटर किया कि उनको सीबीआई जांच से परहेज नहीं लेकिन भर्ती परीक्षाएं कई सालों के लिए लटक जाएंगी।

इसी के बाद जहां बेरोजगार युवाओं ने जमीनी आंदोलन से लेकर डिजिटल सत्याग्रह शुरू कर दिया तो मंदिर मंदिर जाकर देवताओं से सीबीआई जांच की मांग पर न्याय के गुहार लगाने का अभियान छेड़कर सरकार के खिलाफ नए तरीके से हल्लाबोल शुरू कर दिया है। तो वहीं सीएम धामी भी सख्त नकल विरोधी कानून पर पहले अध्यादेश लाकर और फिर शहर दर शहर पार्टी के यूथ विंग और समर्थकों की भीड़ और रैली रोड शो आयोजित कर यह संदेश दे रहे हैं कि यूथ के लिए वे आज भी कड़े कदम उठा रहे हैं।

इसी दिशा में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने ऐलान किया कि अब पीसीएस परीक्षा कराने में सालों का समय नहीं लगेगा और यूपीएससी के पैटर्न पर सिलेबस डिजाइन किया जाएगा ताकि युवा प्रतियोगियों के सामने दो दो परीक्षाओं की अलग अलग पैटर्न पर तैयारी का संकट बना न रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रामलीला मैदान, हल्द्वानी, में नकल विरोधी कानून लागू करने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित आभार रैली के मंच से समूह ‘ग’ को इंटरव्यू मुक्त करने का ऐलान कर युवाओं में एक और बड़ा मैसेज देना चाहा है।

सीएम धामी ने घोषणा की है कि समूह ’ग’ की कोई भी परीक्षा चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग के द्वारा कराई जा रही हो, अब ये सभी परीक्षा बिना इंटरव्यू होंगी। सीएम ने कहा है कि साक्षात्कार की व्यवस्था को इन परीक्षाओं से तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाए।

खास बात यह है कि इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे। यानी जेई जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी। उच्च पदों में जहाँ साक्षात्कार आवश्यक हो, जैसे- पी०सी०एस० या अन्य उच्च पद वहां भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रखा जाएगा। साक्षात्कार के अकों को भी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दोहराया है कि कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका न डाले सके, युवाओं के हिस्से की सफलता का कोई और लाभ न उठा सके इसके लिए राज्य सरकार कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन्हीं कदमों के अंर्तगत प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। ये कानून नकल माफिया को काल कोठरी के अंदर तक ले जायेगा। राज्य सरकार किसी भी युवा के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार के लिए राज्य की जनता सर्वोपरि है और हमारा हर एक फैसला जन भावनाओं के आधार पर लिया जा रहा है। समाज के हर वर्ग के जीवन स्तर को ऊंचा उठाए जाने पर कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष केदारनाथ की पुण्य भूमि से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए आप और हम मिलकर काम कर रहे हैं। राज्य सरकार जनता के हित में सदैव कार्य करने का प्रयास करता रहेगा।

सीएम ने कहा है कि राज्य सरकार का प्रयास है कि आने वाला बजट युवा और रोजगार केंद्रित बजट हो। हम ऐसा बजट लाने का प्रयास करेंगे जो प्रदेश के युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। हम आने वाला बजट में प्रदेश की माताओं और बहनो को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य करेंगे और प्रदेश के किसानों को खुशहाली प्रदान करने का भी प्रयास करेंगे।

पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार का निरंतर प्रयास है कि आम लोगों का जीवन सुगम बनाया जा सके। आम जन की प्रगति, विकास से ही उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। उन्होंने कहा,”उत्तराखण्ड की सेवा करने का मुझे जितना भी अवसर मिला है, मैंने उसका एक- एक पल राज्य के लिए समर्पित करने का प्रयास किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का अपना फैसला, धरातल पर उतारा वहीं खेल कोटा भी पुनः प्रारंभ किया। सरकार ने उत्तराखंड में सबसे पहले नई शिक्षा नीति को लागू किया। नई खेल नीति लाकर युवा खिलाड़ियों से किए गए वादे को भी पूरा करने का प्रयास किया।”

CM ने कहा है कि हम प्रदेश में पर्यटन नीति, ऊर्जा नीति सहित विभिन्न विभागों से संबंधित नीतियां लाने का कार्य कर रहे हैं, ये नीतियां भविष्य में रोजगार को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए नकल विरोधी कानून का कठोर निर्णय नकल माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का काम करेगा। पहली बार नकल करने वालों ,कराने वालों और प्रक्रियाओं को सही प्रकार से लागू न करने वालों को जेल की काल कोठरी में डालने का काम किया है। उन्होंने कहा,”वर्तमान में भर्ती घोटाले की जो भी जाँच हमारी सरकार करवा रही है वह जाँच निष्पक्ष हो और किसी भी माफिया या अपराधी को छोड़ा न जाए यह सुनिश्चित करने के लिए मैं स्वयं निरन्तर जाँच और कार्यवाही का पर्यवेक्षण कर रहा हूँ।”

सीएम ने कहा कि जाँच में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे, कोई पक्षपात न हो, कोई माफिया या अपराधी छूटे नहीं, इसके लिए सरकार ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से पूरी जाँच की निगरानी करने का अनुरोध भी किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून में हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करवाने वाले और नकल करने वाले दोनों को ही कठोरतम सजा का प्रावधान किया है। जहाँ नकल में शामिल अपराधियों को आजीवन कारावास भी होगा, 10 करोड़ तक जुर्माना भी होगा और घोटाले से अर्जित सम्पत्ति को भी जब्त कर लिया जाएगा। सरकार ने हाल ही में पीसीएस परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने का कार्य किया है, इस परीक्षा में करीब एक लाख से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नकल विरोधी कानून केवल और केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए है न कि किसी स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं के लिए। केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से प्रेरित हैं।

उन्होंने कहा प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के लिए भविष्य में भी जो सुझाव आएंगे उन्हें भी हमारी सरकार आवश्यकतानुसार लागू करेगी। राज्य सरकार अंत्योदय के मंत्र पर कार्य करते हुए अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ रही है। विकसित उत्तराखंड का जो स्वप्न हमने देखा है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा संकल्प है राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष तक उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

जाहिर है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उस परसेप्शन को कतई नहीं बदलने देना चाह रहे जिसके तहत यह बहस राज्य के युवाओं में जोर पकड़ रही कि युवा होकर भी सीएम धामी भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में दूध का दूध और पानी का पानी सीबीआई से कराने में आनाकानी कर रहे हैं। बेरोजगारों पर लाठीचार्ज कराने के फैसले को लेकर भी जानकार मान रहे कि सीएम को उनके खास सलाहकार ने गलत फीडबैक देकर संकट में डालने का काम किया है।

बहरहाल इस परसेप्शन की लड़ाई में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री नकल माफिया के खात्मे और भर्ती परीक्षा तंत्र पहले से अधिक पारदर्शी बनाने का संदेश देने को नित नए कदम उठा रहे, वहीं दूसरी तरफ बॉबी पंवार की अगुआई में उत्तराखंड बेरोजगार संघ सीबीआई से कम कुछ भी स्वीकार नहीं के मुद्दे पर अपने सत्याग्रह को अब डिजिटल आंदोलन में तब्दील कर नया मोर्चा खोल धामी सरकार पर और हमलावर होने का बिगुल फूंक चुका है।

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