सीएम तीरथ को अचानक दिल्ली से बुलावा सूबे में अफ़वाहों को न्यौता दे रहा, प्रदेश के राजनीतिक माहौल के लिए अच्छे संकेत नहीं,बीजेपी के लिए भी ऐसे हालात न हो जाएं आत्मघाती!

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सीएम तीरथ का अचानक दिल्ली दौरा: सियासी गलियारे में शुरू हुआ क़यासों का दौर
टीम तीरथ ने कहा-उपचुनाव सहित कई मुद्दों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से होगी मुलाकात

देहरादून: चुनावी बिसात पर 2022 के सियासी पत्ते बिछा रही बीजेपी ने तीन दिन रामनगर में चिन्तन किया और पन्ना प्रमुख से लेकर प्रधानमंत्री तक की ज़िम्मेदारी का खाका खींच दिया। विडम्बना देखिये जिस दल के पास सूबे में सबसे मजबूत चुनाव मशीनरी मतलब बूथ तक लड़ने-भिड़ने वाला सशक्त काडर है और जिसका सांगठनिक ढाँचा भी बेजोड़ है। मौजूदा दौर की राजनीति के सबसे करिश्माई चेहरे प्रधानमंत्री मोदी और मीडियाजनित मॉडर्न चुनावी चाणक्य अमित शाह हैं, उस पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता के आए दिन घनघोर घटाटोप बादल मंडराने लगें तो समझिए संकट बड़ा है।
मार्च में बीच बजट सत्र त्रिवेंद्र सिंह रावत को अचानक कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और ऐसी ही अटकलबाज़ी कल शाम से मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लेकर जोर पकड़ रही हैं। अटकलों को दम सियासी हालातों के चलते मिल भी रहा। आखिर इधर चिंतन शिविर उधर सीएम तीरथ को अचानक दिल्ली से बुलावा कि बुधवार के सारे कार्यक्रम छोड़कर सीएम दिल्ली की तरफ भाग रहे। आखिर ऐसे तीन चौथाई बहुमत देकर भी जनता को ऐसे अस्थिर राजनीतिक माहौल की सौगात देना राज्य के लिए तो घाटे का सौदा है ही कहीं बीजेपी के लिए भी आत्मघाती कदम साबित न हो जाए?

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अचानक दिल्ली बुला लिए गए हैं। खबर आ रही है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ आज मुख्यमंत्री की मुलाकात होनी है। हालाँकि राजनीतिक गलियारे में अटकलबाज़ी का दौर सीएम के दिल्ली दौरे की खबर के साथ ही तेज हो गया है। कुछ अटकलबाज़ इसे मार्च में टीएसआर-1 के साथ हुए एपिसोड का पार्ट टू कहकर हल्ला मचाने लगे हैं लेकिन टीम तीरथ ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात है जिसमें उनके उपचुनाव को लेकर चर्चा होनी है। ये तय होना है कि अगर उनको उपचुनाव लड़ाया जाना है तो कहां से लड़ाना है और अगर गंगोत्री से सीएम तीरथ लड़ते हैं तो क्या दूसरी रिक्त सीट हल्द्वानी का भी उपचुनाव संभव होगा। इसके अलावा ये भी बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री अगर उपचुनाव लड़ेंगे तो उनकी पौड़ी लोकसभा सीट का चुनाव भी साथ कराया जाएगा या नहीं।
हालाँकि सियासी गलियारे में हल्ला इसलिए ज्यादा मचा हुआ है क्योंकि बीजेपी के तीन दिवसीय रामनगर चिंतन शिविर में संगठन महामंत्री बीएल सन्तोष और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौत्तम यहीं थे तब अचानक सीएम तीरथ रावत को उपचुनाव की मंत्रणा के लिए अकेले दिल्ली क्यों बुलाया गया?


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