Patwari Lekhpal Paper Leak: उत्तराखंड में नकल माफिया भर्ती परीक्षाओं पर इस कदर मकड़ी के जाले की तरह अपनी पकड़ बना चुका है कि UKSSSC स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को कहते रहे कि सरकार के सख्त एक्शन पर भरोसा रखें, अब आगे नकल माफिया पेपर लीक करना तो दूर सपने में भी नहीं सोचेगा।
लेकिन बेरोजगार युवाओं के सरकारी नौकरी के सपनों पर लगातार डाका डालते आ रहे बेखौफ नकल माफिया ने UKSSSC से लेकर पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा करा रहे UKPSC के तमाम चाक चौबंद इंतजामों को धता बताते हुए आठ जनवरी 2023 को हुआ पेपर लीक कर सत्ता और सिस्टम को खुली चुनौती दे डाली।
अब बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरी को लेकर होने वाली भर्ती परीक्षाओं पर पेपर लीक कराकर युवा सपनों पर डकैती डाल रहे नकल माफिया के तार सत्ताधारी भाजपा के नेताओं से भी जुड़े हैं। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आठ जनवरी को कराई गई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का खुलासा एसटीएफ ने किया था जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जांच एसआईटी को सौंप दी है।
अब एसआईटी ने आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी सहित अन्य आरोपियों से सख्ती के साथ पूछताछ की है तो हरिद्वार जिले के एक बीजेपी नेता के भी इस कांड से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। हालांकि सत्ताधारी दल के नेता का नाम पटवारी पेपर लीक कराने वाले नकल माफिया से जुड़ने के बाद अधिकारियों के मुंह सिल चुके हैं लेकिन विश्वस्त सूत्रों ने आपके The News ADDA पर खुलासा किया है कि मंगलौर देहात मंडल का अध्यक्ष रहा संजय धारीवाल गिरफ्तार हुए आरोपियों के संपर्क में था। सूत्रों की मानें तो अब तक कम से कम दो बार इस बीजेपी नेता से पूछताछ भी हो चुकी है।
मामला सत्ताधारी दल से जुड़े नेता का है लिहाजा पुलिस पुख्ता सबूत जुटाकर ही एक्शन लेना चाह रही है ताकि हल्ला मचने के बाद उक्त भाजपा नेता को जेल भेजने के लिए उसके हाथ में ठोस सबूत रहें।
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि संजय धारीवाल के दामन पर दाग होने की भनक लगने के बाद बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने परसो ही उसका इस्तीफा भी ले लिया है। देखना होगा कि क्या एकाध दिन ने एसआईटी इस सत्ताधारी नेता को दबोच पाती है या नहीं!
उधर संजय धारीवाल के अलावा बीजेपी के ही एक और नेता का नाम भी हरिद्वार के सियासी गलियारों में चर्चा में आ रहा है। युक्त बीजेपी नेता बीते साल 2022 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है। बताया जा रहा है कि इस सत्ताधारी दल के इस ठीक ठाक रसूख रखने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नेता के कई सगे संबंधियों और करीबियों ने भी पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा दी थी और लीक पेपर का लाभ लेने का अंदेशा जताया जा रहा है। लेकिन क्या इस नेता की गर्दन तक उत्तराखंड पुलिस के हाथ पहुंच पाएंगे, इसे लेकर अभी पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि टिकट जुगाड़ लाया उक्त नेता बीजेपी से लेकर संघ तक ठीकठाक ‘हिसाब-किताब’ रखता है।
उधर एसआईटी ने अब तक मुख्य आरोपी समझे जा रहे राज्य लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को रण पर लेकर उससे कुछ और राज उगलवाने की कोशिश की है। पुलिस जानना चाहती है कि क्या संजीव चतुर्वेदी अकेला ही पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड है या फिर आयोग में उससे ऊपर भी कोई या कई उसके आका पेपर लीक कांड में संलिप्त थे!
ज्ञात हो कि एसटीएफ द्वारा इस पेपर लीक कांड का भंडाफोड़ करने के बाद अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु चतुर्वेदी सहित आठ आरोपी दबोचे जा चुके हैं। अब अगला नाम बीजेपी नेता या नेताओं का शुमार हो सकता है। एसआईटी ने पॉलीटेक्निक टीचर राजपाल और उसके भतीजे संजीव कुमार को चार दिन रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी जिसके बाद दोनों के दो और रिश्तेदार दबोचे गए थे।