देहरादून: कोरोना महामारी को मात देने वालों में ब्लैक फ़ंगस के बढ़ते खतरे को लेकर केन्द्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट कर दिया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सभी राज्यों को ब्लैक फ़ंगस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। केन्द्र ने राज्यों को बाक़ायदा कह दिया है कि ब्लैक फ़ंगस को महामारी एक्ट 1897 के तहत नोटेबल डिजीज घोषित किया जाए . इसके तहत सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर ब्लैक फंगस की निगरानी, पहचान, इलाज और इसके मैनेजमेंट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन किया जाए. ब्लैक फंगस के सभी मामलों की रिपोर्ट जिला स्तर के चीफ मेडिकल ऑफिसर को की जाए. इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम सर्विलांस सिस्टम में भी इसकी जानकारी दी जाए.
हरियाणा पहला राज्य है जिसने ब्लैक फ़ंगस को महामारी घोषित किया था। उसके बाद गुजरात, राजस्थान सहित कई राज्य इसे महामारी का दर्जा दे चुके हैं। शुक्रवार को उत्तरप्रदेश ने भी ब्लैक फ़ंगस को महामारी घोषित कर दिया है। उत्तराखंड में लगातार ब्लैक फ़ंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है, क्या सरकार इस पर जल्द कोई फैसला लेगी?
दरअसल, एम्स ऋषिकेश में अब तक ब्लैक फ़ंगस के 46 मरीज मिल चुके हैं और तीन की मौत हो चुकी है। जबकि एक मरीज ठीक होकर अपने घर लौट गया है। ब्लैक फ़ंगस के चलते एम्स में अल्मोड़ा के 60 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई और गुरुवार को चार नए केस भी मिले हैं।
साफ है ब्लैक फ़ंगस जानलेवा होता जा रहा है और कोविड के बीच ब्लैक फ़ंगस ने पहले से घबराए लोगों में भय का माहौल और बढ़ा दिया है। ब्लैक फ़ंगस के एम्स में फिलहाल 42 मरीज भर्ती हैं जबकि महंत इंद्रेश अस्पताल में भी एक महिला मरीज में ब्लैक फ़ंगस की पुष्टि हुई है।
कहा जा रहा है कि बारिश के चलते वातावरण में पैदा हुई नमी से ब्लैक फ़ंगस का खतरा और बढ़ सकता है। खासतौर पर कोविड महामारी को मात देने वाले या होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है।