दिल्ली: देश में रोजमर्रा की जरूरत की चीज़ें हों या पेट्रोल-डीजल के दाम क़ीमतों में लगी आग ने आम आदमी का जीना दूभर कर दिया है। कोरोना की मार के बाद कारोबारी हालात बिगड़े तो रोजगार के अवसर भी लगातार घट रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके महंगाई की मार कम होती नजर नहीं आ रही। अब एक रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पेट्रोल क़ीमतों में इज़ाफ़े को लेकर भारत ने न केवल अमेरिका, जापान जैसे अमीर देशों को पीछे छोड़ दिया है बल्कि आर्थिक रूप से कंगाल श्रीलंका और खस्ताहाल पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ( BANK OF BARODA- BOB ECONOMIC RESEARCH REPORT) के एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत की मौजूदा फ़्यूल क़ीमतों को लेकर कई अमीर देशों को मात दे दी है। यानी भारतीय उपभोक्ताओं की जेबें ऊँची फ़्यूल क़ीमतों के लिहाज से कई अमीर देशों से ज्यादा कट रही हैं। BOB रिसर्च रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में चीन, जापान, ब्राज़ील, अमेरिका, रूस, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों की तुलना में महॉंगी पेट्रोल बिक रहा है। जबकि जर्मनी, ब्रिटेन और हांगकांग के मुकाबले भारत में अभी भी पेट्रोल सस्ता है।
जाहिर है रूस-यूक्रेन युद्ध ने पहले से महँगे होते कच्चे तेल के दाम इंटरनेशनल मार्केट में और बढ़ाने का काम किया है। ऊपर से डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपए में देखी जा रही रिकॉर्ड गिरावट के चलते भी उपभोक्ताओं को महंगा तेल खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। रही सही कसर भारत में केन्द्र की मोदी सरकार और तमाम राज्य सरकारें तेल पर मोटा टैक्स वसूल कर पूरा कर दे रही हैं।
BOB ECONOMIC RESEARCH REPORT में खुलासा
बैंक ऑफ बड़ौदा की आर्थिक रिसर्च रिपोर्ट में 9 मई तक विभिन्न देशों की प्रति व्यक्ति आय को पेट्रोल की क़ीमतों कं बराबर करके आकलन पेश किया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ 106 देशों की तेल क़ीमतों के आंकड़े उपलब्ध हैं। इन आँकड़ों को देखें तो इनमें 1.35 अमेरिकी डॉलर प्रति लीटर की क़ीमत के साथ भारत 42 वे पायदान पर है। इस लिस्ट में 50 से अधिक देशों में भारत से भी महंगा पेट्रोल मिल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार जहां अमेरिका, चीन, जापान, रूस, पाकिस्तान और श्रीलंका आदि देशों के मुकाबले भारत में महंगा पेट्रोल बिक रहा, वहीं फ़्यूल क़ीमतों को लेकर ऑस्ट्रेलिया, तुर्की और दक्षिण कोरिया भारत के बराबर पायदान पर खड़े हैं। जबकि हांगकांग, जर्मनी, इटली, फ्रांस, पुर्तगाल, ब्रिटेन जैसे देशों में भारत ले महंगा तेल बिक रहा है।
जाहिर है भारत जैसे देश में जहां रोजमर्रा की चीज़ों पर महँगाई की मार पड़ रही है, वहाँ तेल क़ीमतों में इज़ाफ़ा आग में घी का काम कर रहा है। वैश्विक हालात और केन्द्र से लेकर राज्य सरकारों की हालत देखकर नहीं लगता कि अभी आम उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीद करनी चाहिए!