हरिद्वार: उत्तराखंड चुनाव 2022 के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। नतीजों से पहले जीत का दावा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही कर रहे लेकिन काँटे के मुकाबले में वोटर्स की ख़ामोशी धुकधुकी बढ़ा रही है। लिहाज दोनों तरफ प्लान बी से लेकर प्लान सी पर वर्कआउट हो रहा है। भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर बसपा, यूकेडी और जिताऊ दिख रहे निर्दलीय हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि अगर नतीजों के बाद सियासी सूरत 2012 जैसी बनती है तो हरिद्वार जिले की चार से पांच सीटों पर भाजपा या कांग्रेस से मुकाबला करती दिख रही बसपा किंगमेकर बन सकती है। लक्सर, खानपुर, मंगलौर और भगवानपुर सहित झबरेड़ा सीट पर टककर में बनी हुई बसपा का इस बार सूबे में खाता खुलता है तो त्रिशंकु हालात में सत्ता की चाबी हाथ लग सकती है।
इसी बीच बसपा के लक्सर प्रत्याशी मोहम्मद शहज़ाद का एक बयान सामने आया है। शहज़ाद ने बीजेपी से ऑफर आने के सवाल पर कहा है कि वे ऑफर पर बिकने वाले आइटम नहीं हैं, ऑफर को छोड़ दीजिए ऑफर पर वह नहीं बिकेंगे, उनकी गिनती खरीदने वालों में होती है। उन्होंने कहा कि उनसे न भाजपा और न ही कांग्रेस ने संपर्क किया है, जो भी होगा वह लखनऊ में तय होगा।
मोहम्मद शहजाद ने कहा कि उन्होंने चुनाव निर्दलीय नहीं बल्कि बसपा के सिंबल पर लड़ा है लिहाजा जीत के बाद पार्टी किसको समर्थन देगी इसका फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती करेंगी।
दरअसल, मोहम्मद शहज़ाद को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के क़रीबियों में गिना जाता है और विधायक संजय गुप्ता ने जिस तरह से वोटिंग के दिन ही भितरघात का आरोप लगाकर हार स्वीकार की उससे बसपा प्रत्याशी के जीतने की संभावना बढ़ी हुई हैं। चर्चाएँ हैं कि शहज़ाद को कौशिक और मंगलौर प्रत्याशी सरबत करीम अंसारी को पूर्व केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के जरिए भाजपा नेतृत्व साध लेना चाह रहा है। उधर कांग्रेस से हरीश रावत और प्रीतम सिंह ऐसे जिताऊ प्रत्याशियों के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
रिपोर्ट सहयोगी: आशीष मिश्र/इतेश धीमान, स्थानीय पत्रकार, हरिद्वार