क्या युवा उत्तराखंड की विधानसभा में इस बार होगा बुजुर्ग विधायकों का बोलबाला? सीएम कुर्सी से लेकर कैबिनेट बर्थ के बड़े-बड़े दावेदार, 10 मार्च के नतीजों से इन 27 बुज़ुर्गों प्रत्याशियों को जीत की बड़ी उम्मीदें

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  • युवा राज्य की विधानसभा में 27 बुजुर्ग प्रत्याशी विधायक बनने को आतुर
  • राज्य में 70 साल से अधिक के 27 प्रत्याशियों को 10 मार्च को परिणामों का इंतजार
  • सर्वाधिक बुजुर्ग प्रत्याशी कांग्रेस से चुनावी मैदान में, सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी हीरा सिंह बिष्ट

देहरादून (पंकज कुशवाल): कहा जाता है कि राजनीति में रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती है। राजनीति में इंट्री की न्यूनतम उम्र भले ही निर्धारित की गई हो लेकिन राजनीति को अलविदा कहने की उम्र नेता की राजनीतिक स्थिति पर ही निर्भर करती है। शारीरिक स्थिति भी राजनीति का मोह छोड़ने नहीं देती, इसका उदाहरण पूरे देश ने तमिल राजनीति के कद्दावर नेता रहे एम० करूणानिधि के रूप में देखा, जिन्होंने दो दशक के करीब व्हीलचेयर पर बैठकर न केवल राजनीति ही की बल्कि मुख्यमंत्री का पदभार भी संभाला।

युवा राज्य उत्तराखंड की राजनीति में भी आगामी चुनाव नतीजे बताएँगे कि धामी की अगुआई में युवा चेहरों की सरकार बनेगी या फिर अनुभवी हरदा नई सरकार लीड करेंगे। लेकिन इतना तय है कि सरकार भाजपा की बने या कांग्रेस की कई बुजुर्ग नेताओं की उपस्थिति नजर आएगी ही। भाजपा से सतपाल महाराज, बंशीधर भगत और बिशन सिंह चुफाल जैसे चेहरे हैं तो कांग्रेस से सीएम पद के दावेदार हरदा से लेकर गोविन्द सिंह कुंजवाल, हीरा सिंह बिष्ट, यशपाल आर्य से लेकर दिनेश अग्रवाल और सुरेन्द्र सिंह नेगी जैसे दावेदार होंगे। सत्ता में बड़ी हिस्सेदारी के दावेदार दिख रहे इन सभी बुजुर्ग प्रत्याशियों को सिर्फ अपनी चुनावी जीत की दरकार है।

10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने वाले हैं। विधानसभा की 70 सीटों के लिए इस बार 632 प्रत्याशी मैदान में थे। एडीआर के आंकड़ों की माने तो 70 विधानसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमाने उतरे 632 प्रत्याशियों में से 344 यानि 55 फीसदी प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन और उससे अधिक है तो करीब 45 फीसद कम पढ़े-लिखे हैं।

हालांकि, जीतकर आने वाले प्रत्याशियों में अधिक पढ़े-लिखे विधायकों की संख्या कितनी होती है यह दस मार्च के बाद ही पता लग सकेगा। लेकिन, इस बार 70 विधानसभा सीटों में 27 ऐसे भी प्रत्याशी चुनाव परिणाम का इंतजार कर रहे हैं, जिनकी उम्र 70 साल से अधिक की है, यानी इन सीटों पर बुजुर्ग प्रत्याशी चुनावी ताल ठोक रहे हैं। इनमें से तीन प्रत्याशियों की उम्र तो 80 वर्ष से भी अधिक है।

इन 27 बुजुर्ग प्रत्याशियों में 7 प्रत्याशी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं तो 4 प्रत्याशी भाजपा के टिकट पर चुनावी रण लड़ रहे हैं। देहरादून की रायपुर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे 81 वर्षीय हीरा सिंह बिष्ट सबसे बुजुर्ग विधायक प्रत्याशी के तौर पर चुनावी परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से 11 बुजुर्ग प्रत्याशी बेहद मजबूत स्थिति में भी है।

माना जा रहा है कि इन 11 प्रत्याशियों के जीतने की संभावना अपने प्रतिद्वंदी के मुकाबले ज्यादा है। ऐसे में यदि यह सभी 11 प्रत्याशी जीत जाते हैं तो विधानसभा में 11 बुजुर्ग विधायक मौजूद रहेंगे। जिनमें से मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाने वाले कांग्रेस से प्रत्याशी हरीश रावत भी हैं जिनकी वर्तमान में उम्र 73 साल है।

विधानसभा की 7 सीटों पर एक भी प्रत्याशी 60 पार नहीं

राज्य की 70 विधानसभा सीटों में से 7 विधानसभा सीट ऐसी भी हैं, जहां सभी प्रत्याशियों की उम्र 60 वर्ष से कम है। लोहाघाट, सोमेश्वर, यमकेश्वर, खटीमा, रूद्रपुर, सितारगंज व पुरोला विधानसभा में चुनावी मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों की उम्र 60 वर्ष से कम है। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा सीट खटीमा में उनके अलावा आठ और प्रत्याशी मैदान में है जिनमें सबसे ज्यादा उम्र आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी एसएस कलेर की है। कलेर वर्तमान में 54 वर्ष के हैं। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 46 वर्ष के हैं। कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी भी युवा हैं।

यह रहे पाँचवी विधानसभा के चुनाव में उतरे सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी, जो कर रहे नतीजों में जीत का इंतजार

  • जागेश्वर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 77 वर्षीय गोविंद सिंह कुंजवाल
  • जागेश्वर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी 68 वर्षीय मोहन सिंह माहरा
  • सल्ट विधानसभा से आम आदमी पार्टी प्रत्याशी 73 वर्षीय सुरेश बिष्ट
  • कपकोट विधानसभा से सपा के प्रत्याशी 80 वर्षीय हरिराम शर्मा
  • धर्मपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 72 वर्षीय दिनेश अग्रवाल
  • धर्मपुर विधानसभा से जनजागृति पार्टी के प्रत्याशी 72 वर्षीय बलवीर तलवार
  • धर्मपुर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी 68 वर्षीय सुंदर लाल थपलियाल
  • हरिद्वार बीएचईएल विधानसभा से सीपीआई(एम) प्रत्याशी 70 वर्षीय रमेश चंद्र धीमान
  • लक्सर विधानसभा से सपा के प्रत्याशी 75 वर्षीय डॉ. भगवान दास राठौड़
  • लक्सर विधानसभा से आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी 69 वर्षीय हाजी तस्लीम अहमद
  • भीमताल विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी 71 वर्षीय सुरेश चंद्र आर्य
  • कालाढूंगी विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी 70 वर्षीय बंशीधर भगत
  • लालकुंआ विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 73 वर्षीय हरीश रावत
  • लालकुंआ विधानसभा से सीपीआई एम प्रत्याशी 73 वर्षीय बहादुर सिंह जंगी
  • रामनगर विधानसभा से उत्तराखंड परिर्वतन पार्टी प्रत्याशी 81 वर्षीय चिंता राम
  • चौबट्टाखाल विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी 70 वर्षीय सतपाल महाराज
  • कोटद्वार विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 72 वर्षीय सुरेंद्र सिंह नेगी
  • लैंसडोन विधानसभा से यूकेडी प्रत्याशी 70 वर्षीय आंनद प्रकाश
  • डोईवाला विधानसभा से यूकेडी डेमो. प्रत्याशी 69 वर्षीय राजकिशोर रावत
  • रायपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 81 वर्षीय हीरा सिंह बिष्ट
  • डीडीहाट विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी 71 वर्षीय विशन सिंह चुफाल
  • डीडीहाट विधानसभा से सपा प्रत्याशी 70 वर्षीय सुरेंद्र सिंह गुरूंग
  • रूद्रप्रयाग विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी 77 वर्षीय मातबर सिंह कंडारी
  • देवप्रयाग विधानसभा से यूकेडी प्रत्याशी 76 वर्षीय दिवाकर भट्ट
  • बाजपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 70 वर्षीय यशपाल आर्य
  • नानकमत्ता विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी 72 वर्षीय गोपाल सिंह राणा

एडीआर की रिपोर्ट को माने तो युवा राज्य में 27 फीसदी युवा प्रत्याशी चुनाव मैदान में क़िस्मत आज़मा रहे हैं। जबकि सबसे ज्यादा 57 फीसदी 41-60 आयुवर्ग के प्रत्याशी मैदान में हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)


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