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बटर फ़ेस्टिवल: दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीणों ने खेली मक्खन छाछ की अनूठी होली

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पारंपरिक अडूढ़ी उत्सव बटर फेस्टिवल का किया गया आयोजन
मवेशियों की रक्षा व दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए लोक देवताओं का जताते हैं रैथल के ग्रामीण आभार

उत्तरकाशी(पंकज कुशवाल): मंगलवार को भाद्रपद संक्राति को दयारा बुग्याल में पारंपरिक अढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) का आयोजन किया गया। ग्रामीणों ने लोक देवताओं की पूजा कर मक्खन मट्ठा की होली खेली। कोरोना संकट के चलते इस बार दयारा बुग्याल में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बेहद सूक्ष्म में बटर फेस्टिवल का आयोजन किया गया।
मंगलवार को दयारा बुग्याल में प्रसिद्ध पारंपरिक अढूड़ी उत्सव का आयोजन किया गया। ग्रामीणों द्वारा दशकों से लोक देवताओं की पूजा करते हुए मक्खन मट्ठा की होली खेली जाती है। बीते वर्षों से दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल की ओर से पर्यटकों को इस आयोजन से जोड़ने के लिए इस लोकपर्व का वृहद पैमाने पर आयोजन किया जाता है। बीते साल से कोरोना संकट के चलते इस बार बाहरी पर्यटकों के बिना ही स्थानीय ग्रामीणों के साथ दूध मक्खन मट्ठा की होली खेली गई। इस मौके पर ग्रामीणों से दयारा बुग्याल में पारंपरिक रासौ नृत्य भी किया।


समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीण गर्मियों की शुरूआत में ही अपने मवेशियों के साथ छानियों में चले जाते हैं। सावन महीने के बीतने के साथ ही उंचाई वाले इलाकों में ठंड की दस्तक हो जाती है तो ग्रामीण भी अगस्त महीने के दूसरे पखवाड़े में मवेशियों संग गांव लौटना शुरू कर देते हैं। इतनी उंचाई पर मवेशियों की रक्षा करने और दुग्ध उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि होने पर ग्रामीण लौटने से पहले भाद्रपद महीने की संक्राति को यहां दूध मक्खन मट्ठा की होली खेलकर लोक देवताओं की पूजा करते हैं।

बीते वर्षों से इस पर्यटन से जोड़ने के लिए भी राज्य सरकार द्वारा अनुदान देकर इसका भव्य आयोजन किया जाता रहा है। लेकिन बीते साल कोरोना संकट के कारण इस पारंपरिक मेले का आयोजन नहीं किया गया तो इस वर्ष भी कोरोना संकट का असर भी इस पारंपरिक मेले पर दिखा। आयोजक समिति दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने बाहरी पर्यटकों को इस मेले में शामिल नहीं किया और स्थानीय स्तर ही मेले का आयोजन किया।
मंगलवार को हुए बटर फेस्टिवल में ग्रामीणों ने लोक देवता की पूजा अर्चना कर दूध मक्खन मट्ठा की होली खेली और एक दूसरे पर मक्खन लगाया। इस मौके पर कृष्ण राधा बने कलाकारों ने भी ग्रामीणों के साथ नृत्य किया। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने रासौं नृत्य का भी आयोजन किया।


इस मौके पर दयारा पर्यटन उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज राणा, ग्राम प्रधान सुशीला देवी, सुरेश रतूड़ी, पंकज कुशवाल, राजवीर रावत, मोहन कुशवाल, रामचंद्र पंवार, महेंद्र राणा, मनीष कुमार, बुद्धि लाल समेत अन्य मौजूद रहे।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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