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डेयरी सेक्टर में उत्तराखंड लिख रहा नई ग्रोथ स्टोरी: डेयरी मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस में मंत्री सौरभ बहुगुणा ने गिनाई उपलब्धियां

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देहरादून: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कृषि उत्पादन विभाग, जम्मू एवं कश्मीर सरकार के सहयोग से पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने एसकेआईसीसी, श्रीनगर में विश्व दुग्ध दिवस मनाया। पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए दो दिवसीय ग्रीष्मकालीन सम्मेलन की शुरुआत भी हुई। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान और मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन की उपस्थिति में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रुपाला ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और पशुपालन एवं डेयरी मंत्रियों ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन में उत्तराखंड के पशुपालन और दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा उत्तराखंड सरकार की दुग्ध विकास क्षेत्र की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं प्रस्तावित योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई।

इस मौके पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने भारतीय संस्कृति और परंपरा में दूध के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि भारत का दूध उत्पादन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इसमें हमारे डेयरी किसानों और कृषि उद्यमियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों और कार्यक्रम को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।


सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री सौरभ बहुगुणा ने उत्तराखण्ड राज्य को नेशनल डेयरी प्लान-2 में सम्मिलित करने पर केन्द्रीय मंत्री,पशुपालन एवं डेरी विकास पुरुषोत्तम रूपाला का आभार जताया। एनडीपी-2 के अन्तर्गत प्रदेश में आँचल ब्राण्ड की ब्राण्डिंग, मार्केटिंग व अवशेष ग्राम सभाओं में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के गठन सभाओं में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के गठन तथा चारा विकास हेतु समुचित धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया।


मंत्री बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में डेयरी विकास विभाग के अन्तर्गत वर्तमान में 11 दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ कार्यरत हैं जिनमे स्थापित दुग्धशालाओं की दैनिक प्रसंस्करण क्षमता 2.65 लाख लीटर है। रूद्रपुर, जनपद ऊधमसिंहनगर में 100 मैट्रिक टन क्षमता की पशुआहार निर्माणशाला स्थापित है। जिसमे 50 मैट्रिक टन क्षमता की काम्पैक्ट फीड ब्लाक इकाई एवं 05 मैट्रिक टन क्षमता की मिनिरल मिक्सचर निर्माण इकाई भी संचालित है।

इसके अलावा प्रदेश में वर्तमान में लगभग 2.6 हजार दुग्ध सहकारी समितियां संचालित है जिनमें लगभग 53 हजार पोरर सदस्यों द्वारा दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में संचलित दुग्ध दुग्ध समितियों के माध्यम से लगभग 2 लाख किग्रा० प्रतिदिन दूध इकठ्ठा हो रहा है तथा लगभग 1.60 लाख ली० प्रतिदिन तरल दूध विक्रय किया जा रहा हैं।

गंगा गाय महिला डेरी योजना सम्बद्ध राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना अन्तर्गत दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को 3 एवं 5 दुधारू पशु इकाई स्थापना के साथ-साथ 2 दूधारू पशुओं की इकाई स्वीकृत हुई साथ ही भैंस लेने के इच्छुक लाभार्थियों हेतु , 2 भैंस की इकाई स्वीकृत कराई गयी। योजनान्तर्गत लगभग 3 हजार पशुपालकों को लाभान्वित कराया जायेगा।

इस योजनान्तर्गत 2, 3 एवं 5 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापना पर 25 प्रतिशत अनुदान से बढ़ाकर सामान्य वर्ग के सदस्यों हेतु 50 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला सदस्यों को 75 प्रतिशत अनुदान स्वीकृत कराया गया है।


पशु चारा संकट के दृष्टिगत साईलेज एवं दुधारू पशु पोषण योजनान्तर्गत दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों को साईलेज पर 50 प्रतिशत अनुदान में वृद्धि उपरान्त 75 प्रतिशत अनुदान, मिनरल मिक्सचर व प्रोबायोटिक्स के साथ-साथ भूसा भेली (काम्पैक्ट फीड ब्लाक) पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया गया है।


मंत्री सौरभ बहुगुणा ने सम्मेलन में बताया कि संतुलित पशु प्लान-2023-24 के तहत पशुओं के आहार पर पर्वतीय क्षेत्र की दुग्ध समितियों हेतु रूपए 4 से बढाकर रूपए 6 प्रति किग्रा० व मैदानी क्षेत्र की दुग्ध समितियों हेतु रूपए 2 से बढाकर रूपए 4 प्रति किग्रा० अनुदान स्वीकृत कराया गया। योजनान्तर्गत लगभग 53 हजार दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होगे।

दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादक सदस्यों की आर्थिकी को सुदृढ़ किये जाने हेतु विगत वर्ष में दुग्ध उत्पादकों से क्रय किये जा रहे दूध के क्रय मूल्य में रूपए 6 से रूपए 9 तक की वृद्धि की गयी है। विभाग द्वारा मुल्य वर्धित दुग्ध उत्पादों के विपणन पर प्राथमिकता प्रदान की जा रही है इस हेतु आचल ब्राण्ड नेम से आईसक्रीम का विपणन प्रारम्भ किया गया तथा भविष्य में अन्य मूल्य वर्धित दुग्ध उत्पाद तैयार किये जायेगे ताकि प्राप्त लाभ, दुग्ध उत्पादकों को लाभांश के रूप में वितरित किया जा सके।


दुग्ध सहकारी समितियों, दुग्ध संघों एवं यू०सी०डी०एफ० स्तर पर दूध एवं दुग्ध पदार्थों के लिये अवशीतन सुविधाओं एवं अपमिश्रण व गुणवत्ता जांच हेतु भारत सरकार की राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना अन्तर्गत रूपए 3343.93 लाख की योजना स्वीकृत कराई गयी।

गोवर्धन योजना अन्तर्गत प्रदेश में 02 बायो सीएनजी संयन्त्र स्थापित कराये जायेंगे। इस हेतु विभाग अन्तर्गत संचालित दुग्ध सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादक सदस्यों से रूपए 1 से रूपए 2 प्रति कि०ग्रा० की दर पर गोबर कय कराते हुए बायो सी०एन०जी० प्लान्ट को कच्चे माल के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा जिससे दुग्ध उत्पादकों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। साथ ही उन्हें बाई प्रोडक्ट के रूप में प्राप्त उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद उचित दरों पर उपलब्ध करायी जायेगी।


पशु आहार निर्माणशाला में भूसा भेली निर्माण हेतु कच्चेमाल के रूप में उपयोग होने वाले भूसा का क्रय स्थानीय कृषकों से उचित दरों पर कराया गया। इससे जहां एक ओर प्रदेश के किसानों को भूसा का मूल्य विगत वर्षों से लगभग दुगना प्राप्त हुआ, साथ ही पशु आहार निर्माणशाला को भी भूसा लगभग 50 प्रतिशत कम दामों पर प्राप्त हुआ।

उत्तराखंड में पशु चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु फोडर एफपीओ का गठन कराया जा रहा है। राज्य में कुल 13 फोडर एफपीओ बनाये जाने प्रस्तावित है।


प्रदेश के ब्राण्ड आंचल की ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग हेतु राज्य के नगरीय क्षेत्रों में मिल्क कैफे की स्थापना कराई जा रही है। योजनान्तर्गत कुल 500 आंचल मिल्क कैफे का निर्माण कराया।


जम्मू कश्मीर के श्रीगर में सम्मेलन आयोजित करने की इस पहल की प्रशंसा करते हुए मंत्रियों ने उम्मीद जताई कि विचार-विमर्श से व्यवस्था में आगे और सुधार का रास्ता निकलेगा। इस ग्रीष्मकालीन बैठक का उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की अपेक्षाओं का पता लगाने के साथ ही जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से कार्यक्रमों को लागू करने का तंत्र तैयार करना है।

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