दिल्ली: कोरोना कहर के कारण केंद्र सरकार ने मंगलवार को देशभर में 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने के ऐलान के साथ कहा था कि 12वीं का रिजल्ट तय समयसीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टूडेंट्स के मूल्यांकन का वो आधार कौनसा होगा? ये इसलिये भी जरूरी है कि सीबीएसई के बाद उत्तराखंड सहित कई राज्य भी स्टेट बोर्ड बारहवीं की परीक्षा रद्द कर चुके हैं और सीबीएसई के मूल्याँकन मॉडल को अपनाएंगे।
CBSE सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा है कि छात्रों के मूल्यांकन के लिए स्ट्रक्चरिंग क्राइटेरिया पर काम चल रहा है, इसे पूरा करने में करीब 2 हफ्ते का समय लगेगा।उसके बाद ही इस पर फैसला होगा। सीबीएसई ने कहा है कि जैसे ही मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी इसे पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा। सीबीएसई ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि स्टूडेंट्स, पैरेंट्स, और टीचर्स को थोड़ा इंतजार करना होगा।
माना जा रहा है कि CBSE की 12वीं बोर्ड के रिजल्ट का फॉर्मूला इसी हफ्ते आ सकता है। रिज़ल्ट के लिए CBSE का फोकस अभी इंटरनल असेसमेंट पर भी है। उसके बाद ये विकल्प भी रखा जाएगा कि अगर स्टूडेंट्स एग्जाम देना चाहते हैं, तो उन्हें ये विकल्प भी दिया जाएगा।
अभी तक ये चार फ़ॉर्मूले विचारणीय हैं
- छात्रों के रिजल्ट का मूल्यांकन उनके पिछले 3 साल के परफॉर्मेंस के आधार पर हो। 9वीं, 10वीं और 11वीं के रिजल्ट को आधार बनाकर बारहवीं के अंक दिए जाएँ।
- 10 वीं बोर्ड के रिजल्ट और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों का रिजल्ट तैयार किया जाए।
- 11वीं और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट को आधार बनाकर रिजल्ट घोषित किया जाए।
- 10वीं की तरह 12वीं के लिए भी ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तैयार किया जाए। कोई स्टूडेंट इंटरनल असेसमेंट के बेस पर रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है तो उसे कोरोना के सामान्य हालात होने पर परीक्षा का मौका दिया जाए।
सबसे ज्यादा संभावना है कि इंटरनल एसेसमेंट को ही बारहवीं के रिज़ल्ट घोषित करने का आधार बनाया जाए। हालांकि अभी सीबीएसई ने किसी भी कयासबाजी से बचे रहने की सलाह दी है। दरअसल इसकी एक वजह 10वीं के लिए हुआ इंटरनल असेसमेंट का फैसला भी है। 10वीं की परीक्षा पहले ही रद्द कर दी गई थी और रिजल्ट तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय टीचर्स टीम हर स्कूल में बनाई गयी है। ये टीम इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 10वीं का रिजल्ट तैयार करेगी।
दरअसल पिछले साल कोरोना के चलते बीच में परीक्षा रद्द करनी पड़ी थीं जिसके चलते कुछ छात्रों के एक कुछ के दो तो कुछ के तीन पेपर छूट गए थे। इसके बाद CBSE ने छात्रों द्वारा दिए गए पेपर के मार्क्स को आधार बनाकर बाकी पेपर्स के लिए एवरेज मार्किंग कर दी थी। इसलिए पिछले साल वाला फार्मूला इस बार लागू नहीं किया जा सकता है। लिहाजा सीबीएसई नया मूल्यांकन फ़ॉर्मूला लेकर आ रहा है। कई राज्य पहले ही कह चुके हैं कि वे सीबीएसई का मूल्यांकन फॉर्मूला अपनाएँगे।