राहुल गांधी की लाल किताब का अब मोदी सरकार ने दिया करारा जवाब
Samvidhaan Hatya Diwas 25 June: मोदी सरकार ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार दिखाई जा रही संविधान की लाल किताब को लेकर अब करारा पलटवार किया है। केंद्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित करते हुए इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जाहिर है 25 जून 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों पर थोपी गई इमरजेंसी हमेशा से कांग्रेस की दुखती रग रही है। ऐसे दौर में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल में बीते लोकसभा चुनाव के दौरान कैंपेन कुरुक्षेत्र में लगातार संविधान की लाल किताब लहराकर बीजेपी और मोदी सरकार पर सत्ता में आने पर आरक्षण खत्म करने से लेकर संविधान बदल डालने जैसे आरोप लगाए थे। और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद भी अपने तरकश के इसी तीर का इस्तेमाल करते जाने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ने करारा पलटवार किया है।
केंद्र सरकार के निर्णय के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा:
“25 जून, 1975 को तत्कालीन सरकार द्वारा भारतीय संविधान का अपमान करते हुए देश पर आपातकाल थोपने का अत्यंत निंदनीय कृत्य किया गया था। सत्ता के घमंड में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा संविधान की हत्या का दुस्साहस लोकतंत्र पर काले धब्बे के रूप में याद किया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय स्वागत योग्य है। यह निर्णय आपातकाल के उस काले दौर में देश के लोकतंत्र की रक्षा करने हेतु अनेक यातनाएं सहकर भी तानाशाही का प्रतिकार करने वाले समस्त आंदोलनकारियों के महान योगदान का स्मरण कराएगा।
इस ऐतिहासिक निर्णय हेतु केंद्र सरकार का हार्दिक आभार !”
साफ है विपक्ष की तरफ से लगातार संविधान बचाओ के नारे की काट के लिए बीजेपी आपातकाल का कवच धारण कर दो दो हाथ करने को तैयार हो चुकी है। केंद्र ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करते हुए कहा है कि उसका यह निर्णय इमरजेंसी के खिलाफ लोकतंत्र बहाली की लड़ाई में अमानवीय यातनाएं झेलने वाले लाखों लोगों का सम्मान है। केंद्र सरकार के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा कि उस दिन क्या हुआ था और संविधान को कैसे कुचला गया था। ज्ञात हो कि इस दिन 1975 में इमरजेंसी डिक्लेयर हुई थी जो देश पर 21 महीने तक थोपी गई थी और उसके बाद हुए चुनाव में जनता ने कांग्रेस और इंदिरा गांधी को करारी शिकस्त दी थी और मोरारजी देसाई को अगुआई में जनता पार्टी की सरकार बनी थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा,”25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र को आत्मा का गला घोंट दिया था।