न्यूज़ 360

चम्पावत कैसे बने हिमालयी राज्यों का मॉडल जिला, आर मीनाक्षी सुंदरम ने खींचा खाका, सर्वे कार्य पूरा अब बनेगा एक्शन प्लान, पद्मभूषण डॉ जोशी और प्रो पंत ने कही ये बड़ी बात

Share now
  • आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड @25 पर मंथन
  • चम्पावत कैसे बने हिमालयी राज्यों के विकास का मॉडल हुआ एक्सपर्ट्स में विचार मंथन
  • डॉ अनिल जोशी, CM सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम और प्रो दुर्गेश पंत ने रखा डेवलेपमेंट एजेंडा
  • उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन, विज्ञान धाम, झाजरा, देहरादून में हुआ विचार मंथन

देहरादून: धामी सरकार 2.0 में धाकड़ पारी खेलने को लेकर सधे क़दमों से चल रहे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चम्पावत को आदर्श जिले के तौर पर विकसित कर जहां हिमालयी राज्यों में विकास कैसा हो इसका मॉडल प्रस्तुत करना चाहते हैं, वहीं उनकी चाहत है कि 93 फीसदी से ज्यादा वोटों के उपचुनाव जीताकर विधानसभा भेजने वाली चम्पावत की जनता की उम्मीदों पर भी खरा उतर सकें। इसी उद्देश्य के साथ ‘आदर्श चम्पावत उत्तराखंड @25’ विचार मंथन का आगाज हुआ है ताकि धरातल पर मुख्यमंत्री के विकास का एंजेडा उतरता दिखे और उसे न केवल राज्य के बाकी जिलों तक ले जाया जाए बल्कि उसकी चमक अन्य हिमालयी राज्यों तक भी पहुँचे।

इसी कड़ी में सोमवार को यूकॉस्ट के झाजरा स्थित विज्ञान धाम परिसर में उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) और हिमालय पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हैस्को) के सहयोग से आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड@25 पर विचार मंथन का आयोजन हुआ। इस विचार मंथन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सचिव डा0 आर0 मीनाक्षी सुन्दरम ने बड़ी बात कही कि चम्पावत जिले का सर्वे और अध्ययन कार्य पूर्ण कर लिया गया है और अब एक विशिष्ट कार्य योजना तैयार की जा रही है।

सीएम सचिव सुंदरम ने चिंता जताते हुए कहा कि छोटी-छोटी नौकरियों के लिए राज्य के युवाओं को बाहर जाना पड़ता है जबकि यहीं पर उन्हें रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते है। उन्होंने कहा कि इस विचार मंथन सत्र का उद्देश्य चम्पावत जनपद में आजीविका सृजन के नए अवसर तलाशना और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कि सहायता से लोगों को बुनियादी सुविधाएं कैसे उपलब्ध हो सकें इसके उपाय खोजना है।

मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि आदर्श चम्पावत जनपद का सीएम का सपना साकार करने के लिए लक्ष्य आधारित योजनायें बनाई जाएं। लक्ष्य आधारित योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें कैटल ब्रीडिंग हब, दुग्ध मूल्य संवर्धन, बागवानी, फूलों की खेती, स्थानीय मसाले, होम स्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों का कौशल विकास आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सीएम सचिव सुंदरम ने कहा कि अन्य हिमालयी राज्यों की तरह हमे भी नकदी फसलों की खेती पर प्रभावी योजनाएं विकसित करनी चाहिएं। साथ ही उन्होंने कहा कि चम्पावत जिले में टी-टूरिज्म तथा ईको-टूरिज्म में संभावनायें तलाशने के लिए काम करना चाहिए।

इस दौरान हिमालय पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन (हैस्को) के संरक्षक पद्मभूषण, डा0 अनिल जोशी ने कहा कि हिमालय की पारिस्थितिकीय विभिन्नता के दृष्टिगत अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न प्रयोग करने का हमारे लिए एक अवसर है। डॉ जोशी ने हाल ही में बांदल घाटी में हुई आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह कि घटनाओं की पुनरावृति एक चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि आदर्श चम्पावत के मॉडल के जरिये पूरे हिमालय के लिए विकास नीति की नींव रखने का यह एक अच्छा अवसर है। इसके माध्यम से हम अन्य हिमालयी राज्यों को पर्वतीय क्षेत्रों के अनुकूल नीति और विकास की दिशा दे पाएंगे।

डॉ जोशी ने यह भी कहा कि समाज, सरकार एवं गैर सरकारी संस्थानों को मिलकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करना होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से राज्य का विकास पर्यावरण को मद्देनजर रखते हुए कार्ययोजना तैयार करनी होगी जिसमें हैस्को सहयोग कर सकता है।

उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ने सभी विभागों का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी की एक अभिनव पहल है बोधिसत्व विचार श्रृंखला। इस विचार मंथन से जल, जंगल, जमीन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे सरकारी तथा गैर-सरकारी विषय विशेषज्ञों के बीच विचारों का मंथन होता है। बोधिसत्व विचार श्रृंखला से राज्य के सतत् विकास के लिए कुछ इनोवेटिव आइडियाज प्राप्त हो रहे हैं। इसी कड़ी में आदर्श चम्पावत उत्तराखण्ड @25 विजन के लिए हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं।

प्रोफेसर पंत ने कहा कि सरकार के विभिन्न डिपार्टमेंट्स तथा गैर-सरकारी संस्थानों से आये विभिन्न विषय विशेषज्ञ तथा अधिकारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के माध्यम से चम्पावत को आदर्श जनपद के रूप में विकसित करने को लेकर खूब विचार और सुझाव साझा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपस में मिलकर विकास कार्यों को अधिक प्रभावशाली बनाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के उत्तराखण्ड@25 के लक्ष्य को धरातल पर उतारने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

प्रोफसर पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्राप्त निर्देशों के क्रम में चम्पावत को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से आदर्श जनपद बनाने हेतु परिषद को नोडल एजेन्सी बनाया गया है। परिषद को विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने का कार्य करना है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से भूमि एवं जल संसाधनों में सुधार, कृषि व बागवानी एवं इन पर आधारित उद्योग, वैल्यू एडिशन, पशुपालन, कुक्कुट पालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा तथा विभिन्न क्षेत्रो में महती भूमिका निभाकर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन बन सकते हैं।

मंथन सत्र में नरेन्द्र भण्डारी, जिलाधिकारी, (आई0ए0एस0) चम्पावत द्वारा बताया कि मुख्यमंत्री के विधान सभा क्षेत्र को आदर्श जनपद बनाने के लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना है। जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों को विस्तृत कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा गया। मंथन सत्र में विभिन्न प्रस्तुतिकरण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा चम्पावत की भौगोलिक, सामाजिक एवं क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ाने के उद्देश्य से योजनाएं तैयार करने को कहा है।

इस अवसर पर एक लघु चलचित्र का भी प्रसारण हुआ जिसमें इस विचार मंथन सत्र के उद्देश्यों, आदर्श चम्पावत के निर्माण की परिकल्पना और इसके अंतर्गत अभी तक हुए कार्यों की जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर शहरी विकास, उच्च शिक्षा, होमियोपैथी, आयुर्वेद एवं यूनानी, समाज कल्याण, मत्स्य विभाग, कृषि, पशुपालन, नाबार्ड, आई0आई0आर0एस0, पर्यटन, आई0टी0आई0 टनकपुर, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, उद्यान, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कगास एन0जी0ओ0 चंपावत, उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र, दुग्ध विकास, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, ग्रामीण विकास, उत्तराखण्ड जल संस्थान, उद्योग विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!