अक्षय तृतीया से शुरू हो रही चारधाम यात्रा: मोदी ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पहुँचेंगे सबसे ज्यादा श्रद्धालु, इंतजामों को लेकर धामी सरकार 2.0 की अग्निपरीक्षा, श्रद्धालुओं की संख्या तय

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  • महामारी के ज़ख़्मों पर मरहम लगाएगी इस बार चारधाम यात्रा
  • चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं ने कराया बंपर रजिस्ट्रेशन

देहरादून: कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों में चारधाम यात्रा सीमित संख्या के साथ हुई। लेकिन इस बार यात्रा पूरी तरह से संचालित हो रही है। तीन मई यानी अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। कोरोना महामारी के चलते दो साल से चारधाम यात्रा को लेकर बाधा उत्पन्न होती रही लेकिन इस बार हालात सुधरे हैं लिहाजा देश-दुनिया से भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है।

बीते मार्च में चुनावी जंग जीतकर दोबारा सत्ता पर क़ाबिज़ हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार के लिए भारी भीड़ के मद्देनज़र चारधाम यात्रा के बेहतर इंतजाम किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। सरकार अपने स्तर पर चाक-चौबंद यात्रा तैयारियों का दम भर रही है और भरे भी क्यों न क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की पीएमओ के स्तर पर खुद हालात का मॉनिटरिंग जो कराने वाले हैं। चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं ने बंपर रजिस्ट्रेशन कराकर जिस तरह का रुझान दिखाया है उससे चारधाम यात्रा पर निर्भर कारोबारियों की बांछे खिल गई हैं लेकिन सरकार के लिए यात्रा व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे इसे लेकर चुनौती बढ़ गई है।

धामी सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान भारी भीड़ के चलते अव्यवस्था न फैले इसलिए शुरूआती 45 दिनों को लेकर रोजाना चारों धामों में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या तय कर दी है। चारों धामों में केदारनाथ धाम को लेकर यात्रियों में सबसे ज्यादा उत्साह दिख रहा है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर पिछले सात-आठ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह अपना फोकस बनाए रखा है, उसने बाबा केदार के धाम के लेकर श्रद्धालुओं में आकर्षण बढ़ाने का काम किया है। बहरहाल शासन ने चारों धामों में यात्रियों की दैनिक दर्शन संख्या तय कर दी है।

किस धाम में रोजाना कितने श्रद्धालु कर सकेंगे अपने आराध्य के दर्शन

  • बदरीनाथ धाम: रोजाना 15 हजार यात्री दर्शन कर सकेंगे।
  • केदारनाथ धाम: रोजाना 12 हजार यात्री दर्शन कर सकेंगे।
  • गंगोत्री धाम: रोजाना 7 हजार यात्री माँ के दर्शन कर सकेंगे ।
  • यमुनोत्री धाम: रोजाना 4 हजार यात्री माँ के दर्शन कर सकेंगे।

नो कोरोना जांच : RT-PCR रिपोर्ट नहीं पर मास्क जरूर पहनें

चारधाम यात्रियों को अन्य राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने पर किसी तरह की कोरोना जांच या आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी और न ही वैक्सीनेशन सर्टिफ़िकेट दिखाना होगा। हां कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर करना होगा और मास्क भी पहनना होगा। चारधाम यात्रा पर आने वाले तमाम श्रद्धालुओं को राज्य के पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https:/registrationtouristcare.uk.gov.in/ पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूर कराना होगा। साथ ही 15 जगह ऑफ़लाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर भी खोले जाने हैं। फिलहाल चार जगहों हरिद्वार, ऋषिकेश, सोनप्रयाग और पाखी में ऑफ़लाइन रेजिस्ट्रेशन कराने को सेंटर खुल चुके हैं।

शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार चारधाम यात्रा रूट पर रात्रि 10 बजे से सुबह 4 बजे तक व्हिकल आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा ताकि यात्रियों को किसी भी तरह का जान-माल का खतरा पैदा न हो।

दरअसल, धामी सरकार 2.0 के लिए चारधाम यात्रा इंतज़ामों के लिहाज से बड़ी चुनौती होगी। तीन मई से यात्रा शुरू होगी और 31 मई तक चारधाम यात्रा के लिए 2.29 लाख ये अधिक यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।

सबसे ज्यादा 85,456 यात्रियों ने केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
दूसरे नंबर पर बदरीनाथ धाम के लिये 64,157 यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
जबकि यमुनोत्री धाम के लिए 39,542 और गंगोत्री धाम के लिए 39,229 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है।


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