रेपिस्ट हत्यारे सुप्रीम कोर्ट से भी बरी तो अब कहां जाएं न्याय मांगने पीड़ित परिवार ?
सीएम धामी ने भरी हुंकार प्रदेश और देश की बेटी के लिए जो भी बन पड़ेगा उत्तराखंड सरकार करेगी।
वकील चारु खन्ना और कानून मंत्री किरण रिजिजू से की बात
Chhawla Gangrape Murder Case: छावला गैंगरेप और बर्बर हत्याकांड के तीनों दोषियों को दिल्ली की निचली अदालत से लेकर दिल्ली हाई कोर्ट तक फांसी की सजा दी गई लेकिन ये दुर्दांत हत्यारे और बलात्कारी जाने कहां कानूनी पक्ष की चूक रही कि तीनों के तीनों देश की सुप्रीम अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को बरी हो गए।
दिल्ली के निर्भया कांड की तरह बेहद हैवानियत भरे इस गैंगरेप और हत्याकांड की शिकार बनी थी उत्तराखंड की 19 वर्षीय बेटी किरण नेगी। लेकिन फरवरी 2012 के इस छावला गैंगरेप कांड के तीनों आरोपी अब सुप्रीम कोर्ट से बरी हो गए जिसके बाद इस फैसले पर उत्तराखंड से लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है कि अब अगर इस तरह के जघन्य अपराध के दोषी भी सुप्रीम कोर्ट से छूट जाएंगे तो भला पीड़ित पक्ष न्याय मांगने किस दरवाजे सिर पटके?
उत्तराखंड की इस निर्भया बेटी को न्याय दिलाने के लिए जैसे आम आदमी आक्रोश और गुस्से के साथ साथ व्यथित है, वैसे ही सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस फैसले के आने के बाद से दुखी और व्यथित हैं। आज सीएम धामी ने निर्भया बेटी की पैरवी करने वाली वकील चारु खन्ना से पूरे मामले को लेकर जानकारी ली और समझना चाहा कि आखिर किस कानूनी कमजोरी का फायदा दुर्दांत दोषी उठा पाए।
सीएम धामी ने पहाड़ की बेटी को न्याय दिलाने की हुंकार भरते हुए देश के कानून मंत्री किरन रिजिजू से भी बातचीत की और कैसे पहाड़ की इस बेटी और और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके इसके तमाम विकल्पों पर चर्चा की है। इसके बाद सीएम धामी ने कहा है कि किरण हमारे प्रदेश की, देश की बेटी है, उसको न्याय दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। यानी अब सीएम धामी ने बीड़ा उठाया है कि लंबी कानूनी लड़ाई लड़ते लड़ते थक गए किरण के परिवार की आगे की कानूनी लड़ाई के लिए जो कुछ भी बन पड़ेगा उत्तराखंड सरकार करेगी।
कल्पना करिए फरवरी 2012 में जो बच्ची रोज की तरह अपना काम खत्म कर गुरुग्राम से घर लौट रही थी तब बीच रास्ते ये तीन वहशी दरिंदे उसे कार में अगवाकर ले जाते हैं और बारी बारी उसके साथ रेप करते हैं। फिर सबूत मिटाने के लिए गाड़ी में रखे चाबी पाना से सिर फोड़ डालते हैं और साइलेंसर से गाड़ी में रखे औजार गर्म कर चेहरा और शरीर जगह जगह से जला देते हैं। प्राइवेट पार्ट्स भी जला डालते हैं और बीयर की बोतल के कांच से शरीर काट देते हैं। टूटी बोतल से प्राइवेट पार्ट पर हमला करते हैं ताकि रेप के सबूत मिटा दें। ये दरिंदे इतने पर ही नहीं रुकते हैं और बेटी निर्भया की आंखें फोड़कर उनमें कार की बैटरी का तेजाब भर देते हैं।
कल्पना करिए उस मासूम के साथ इन दरिंदो ने किस हद तक दरिंदगी और बर्बरता की होगी लेकिन अब खुली हवा में घूमेंगे। जाहिर है इस फैसले ने हर सुनने वाले के कानून के प्रति भरोसे को गहरा झटका दिया है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बेटी निर्भया को न्याय मिल सके इसके लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से ये अपील की है।