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Adda IN-Depth धामी राज में मंत्री आहत अफसर बन रहे आफत! कर्मकार कल्याण बोर्ड में किसका रहेगा दबदबा, खांटी भाजपाई सत्याल या श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ही साबित होंगे बिग बॉस

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देहरादून: श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल में बैर पुराना है लेकिन ये मामला अब सीएम पुष्कर सिंह धामी के गले की फांस बनता जा रहा है। मंत्री हरक सिंह रावत ने यहां तक बोल दिया है कि अगर मुख्यमंत्री को सत्याल में ज्यादा क़ाबिलियत नजर आती हैं तो श्रम विभाग मुझसे लेकर उनको मंत्री बना दें, मैं दूसरे विभाग देख लूँगा। अब यह मसला आसान कतई नहीं ठहरा क्योंकि आसान रहता तो हरक सिंह रावत दो बार पिछले सीएम तीरथ सिंह रावत को भी कह चुके थे लेकिन 115 दिन में सत्याल का बाल बाँका नहीं हो पाया था। अब मंत्री हरक सिंह रावत ने श्रम विभाग छोड़ने का ही ऑफ़र मुख्यमंत्री को दे दिया है। अब बुरे फंसे सीएम धामी करें तो क्या करें!

एक तरफ क़द्दावर मंत्री हरक सिंह रावत हैं जिनकी घेराबंदी करने को मुख्यमंत्री ने आईएएस सौजन्या को ऊर्जा सचिव और आईएएस दीपक रावत को ऊर्जा निगम एमडी बनाकर करनी चाही थी लेकिन दांव उलटा ही पड़ता दिख रहा। दीपक रावत की ज्वाइनिंग को लेकर चले एपिसोड ने मुख्यमंत्री की नौकरशाही को मैसेज देने की मुहिम को पलीता लगा दिया है। ऊपर से ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत इशारों-इशारों में मीडिया और खुलकर मुख्यमंत्री के सामने अपना दर्द बयां कर चुके हैं कि सामने चुनाव हैं और रिजल्ट देने के लिए उनको कैसे अधिकारी चाहिएं।

अब सत्याल और हरक सिंह रावत की जंग मुख्यमंत्री के लिए नई सिरदर्द बन चुकी है। टीएसआर टू धामी श्रम विभाग देख रहे हरक सिंह को त्रिवेंद्र रावत ने पिछले साल अक्तूबर में तगड़ा झटका देकर श्रम संविदा बोर्ड अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकार कल्याण बोर्ड का भी अध्यक्ष बना दिया था। इसी के बाद से लगातार त्रिवेंद्र के करीबी सत्याल के साथ श्रम मंत्री हरक सिंह रावत का छत्तीस का आंकड़ा चला आ रहा।

अब सत्याल ठहरे खाँटी भाजपाई और वे बार बार कह भी रहे कि 30-40 साल से वे पार्टी के सिपाही बनकर काम कर रहे हैं। सत्याल ने हरक को इशारों-इशारों में बीजेपी की साख पर बैठा परिंदा भी करार दिया था। उनका इशारा था कि हरक सिंह रावत कांग्रेसी गोत्र के हैं और चुनावी मौसम में रास्ता बदल भी सकते हैं। अब डॉ हरक ने सीएम पर प्रेशर बनाते कह दिया है कि अगर सत्याल इतने ही क़ाबिल हैं तो उनको मंत्री ही बना दिया जाए।
जाहिर है सीएम धामी की मुश्किल ये है कि वे न तो मंत्री हरक सिंह को नाराज करना चाहेंगे और ना ही पुराने भाजपाई नेता सत्याल पर गाज गिराकर पार्टी कार्यकर्ताओं को गलत मैसेज देना चाहेंगे।

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