सरकार के साथ संयुक्त मोर्चा की वार्ता विफल: ऊर्जा निगमों के 10 संगठन आंदोलन पर मध्य रात्रि से हड़ताल, होगी बत्ती गुल रखें मोमबत्ती, जनरल-ओबीसी एम्पलाइज एसोसिएशन का समर्थन

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देहरादून: ऊर्जा निगम के कर्मचारियों की शासन के साथ वार्ता विफल हो गई है। अब सरकार के साथ आर-पार करने की हुंकार भर रहे कर्मचारी मध्य रात्रि से हड़ताल पर चले जाएंगे। इसका मतलब होगा विद्युत आपूर्ति और उत्पादन पर असर, इसीलिये आम आदमी से ऊर्जा निगम कर्मियों द्वारा बनाए गए विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने दीया-बत्ती, मोमबत्ती और मोबाइल, बैट्री आदि चार्ज रखने को कह दिया है। ऊर्जा कर्मचारी संगठन के प्रवक्ता दीपक बेनीलाल ने बताया कि शासन के साथ सोमवार को हुई वार्ता विफल रही है लिहाजा अब हड़ताल के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचा है।मुख्य सचिव से वार्ता पर दारोमदार टिका अन्यथा रात्रि से बत्ती गुल का संकट।

उधर ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत भी दो टूक कह चुके कि ऊर्जा निगम के कर्मचारी नेतागीरी न करें। अब शासन से वार्ता विफल होने और ऊर्जा मंत्री के कड़े बयान से आहत कर्मचारी आक्रोश में हैं और स्थिति आम आदमी के लिए संकट की बनती दिख रही है। राज्य के सबसे बड़ा कर्मचारी संगठन जनरल ओबीसी एम्पलाइज एसोसिएशन भी खुलकर ऊर्जा निगम के आंदोलित कर्मियों के साथ आ गया है।

दरअसल ऊर्जा निगम के 10 संगठन हैं और उनके 3500 कर्मचारियों ने 14 सूत्रीय माँगें न माने जाने पर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। सोमवार को सचिवालय कूच से पहले यूजेवीएनएल मुख्यालय के बाहर ऊर्जा निगमों के कर्मचारी धरने पर बैठ गए।

ऊर्जा निगम कर्मियों की माँगें

  • ऊर्जा निगम के कार्मिक पिछले चार सालों से एसीपी की पुरानी व्यवस्था मांग रहे
  • उपनल के माध्यम से कार्योजित कार्मिकों के नियमितीकरण की मांग
  • समान कार्य हेतु समान वेतन को लेकर लगातार सरकार से वार्ता
  • 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ था
  • पर आज तक समझौते पर नहीं हो पाई कोई कार्यवाही
  • ऊर्जा निगम कार्मिकों की मांग सातवें वेतन आयोग में पुरानी चली आ रही 9-5-5 की एसीपी व्यवस्था बहाल हो
  • उत्तर प्रदेश के समय से ही मिल रहीं थी ये एसीपी व्यवस्था
  • पे मैट्रिक्स में छेड़खानी करने का आरोप
  • संविदा कार्मिकों को समान कार्य के बदले समान वेतन पर
  • कार्यवाही नहीं हुई
  • ऊर्जा निगमों में इंसेंटिव एलाउंसेस का रिवीजन नहीं हुआ

यह दस संगठन हड़ताल में शामिल

  • उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन
  • हाईड्रो इलेक्ट्रिक इंप्लाइज यूनियन
  • उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन
  • उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ
  • उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन
  • विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ
  • विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन
  • ऊर्जा आरिक्षत वर्ग एसोसिएशन
  • उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी एसोसिएशन
  • पावर लेखा संघ

उत्तराखंड जनरल ओबीसी एम्पलाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव वीरेन्द्र गुंसाई ने भी धरना स्थल पहुंचकर हड़ताल को अपना समर्थन दे दिया है। एसोसिएशन की ओर से ऊर्जा निगम के आन्दोलनरत कर्मियों की जायज माँगों पर पूर्ण समर्थन देते हुए इस आन्दोलन में तन, मन से निगम कार्मिकों के साथ खडे रहने की बात कही गयी है।

सोमवार के आन्दोलन स्थल UJVNL मुख्यालय पर जाकर ऊर्जा निगम कार्मिकों को दिये गए समर्थन में एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष के साथ महासचिव वीरेन्द्र सिंह गुसाई, उपाध्यक्ष दरबान सिंह सरियाल, संजय नेगी व सुनील देवली, सम्प्रेक्षक अनिल प्रकाश उनियाल, कोषाध्यक्ष सी0एल0 असवाल, संगठन सचिव अनिल बलूनी, राहुल अग्रवाल व विक्रम रावत, संगठन सचिव (महिला) बबीता रानी, सदस्य केदार फर्सवाण, शेखर पन्त आदि की उपस्थिति रही।


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