न्यूज़ 360

सामूहिक वंदे मातरम् गायन: जबरन धर्मांतरण रोकने को सख्त कानून के साथ सख्त नकल विरोधी कानून किया लागू- धामी

Share now

गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सामूहिक वंदे मातरम गायन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

Dehradun News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून के गांधी पार्क में भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित सामूहिक वंदे मातरम गायन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश को आजाद कराने में अहम योगदान देने वाले महापुरुषों का स्मरण करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम युवा पीढ़ी को प्रेरणा देने का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का गणतंत्र दिवस इसलिए भी बहुत ऐतिहासिक है क्यूंकि 22 जनवरी को एक ऐसा कार्य हुआ, जिसका हमें 500 साल से ज्यादा समय से इंतजार था। उन्होंने कहा कि अनेकों लोगों के बलिदान के बाद राम मंदिर का निर्माण हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सभी आगे बढ़ रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में भी प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में हमारी सरकार ने कई बड़ी चुनौतियों पर पार पाया है। राज्य में सख्त धर्मांतरण कानून को लागू करने के साथ ही साथ अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित करते हुए हमारी सरकार द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून लाने के साथ ही उत्तराखंड की महिलाओं को नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कहे अनुसार हम 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बच्चों द्वारा दी गयी प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए इन कार्यक्रमों को तैयार करने वालों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक सविता कपूर, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, चंद्रगुप्त विक्रम, तरुण शर्मा, मुकेश गोयल, डॉ एस फारूख आदि उपस्थित रहे।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!