Joshimath Sinking: जोशीमठ भू धंसाव को लेकर कांग्रेस राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने जोशीमठ भू धंसाव आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने के बाद मंगलवार को सीएम धामी को ज्ञापन भी सौंपा है। आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नए सिरे से सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि उत्तराखण्ड के सीमांत पर बसे ऐतिहासिक-सांस्कृतिक-पर्यटक नगर जोशीमठ के अस्तित्व के लिये और अपने जीवन व भविष्य के प्रति आशंकित लोगों का संघर्ष जारी है।
यशपाल आर्य ने आरोप लगाया है कि एनटीपीसी और सरकार का बार-बार कहना है कि परियोजना की सुरंग जोशीमठ से दूर है। जबकि हमारा सवाल है कि बाईपास सुरंग कहां है ? उसकी स्थिति जोशीमठ के नीचे ही है और वह विस्फोटों के जरिये ही बनी है। आर्य ने कहा कि लोगों को आशंका है कि उसमें कुछ दिन पहले तक लगातार विस्फोट किये जा रहे थे, जो जोशीमठ में आज हो रहे भू धंसाव का मुख्य कारण हैं। शेष कारणों ने इस प्रक्रिया को तीव्र करने में योगदान किया है।
यशपाल आर्य ने कहा कि अब जब जोशीमठ के अधिकांश घरों में दरारें आ चुकी हैं और कुछ भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भी जनता की ही तरह बड़ी आपदा की आशंका व्यक्त की है, तब अपना जीवन, सम्पत्ति व भविष्य की सुरक्षा की चिंता ने जनता को पुनः सड़कों पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर सरकार व प्रशासन समय रहते जनता की सुन लेते और कार्यवाही करते तो यह नौबत नहीं आती।
यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री धामी के समक्ष रखे गए प्रमुख बिंदु भी पेश किए हैं।
1.जोशीमठ नगर को बचाने हेतु जोशीमठ त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाये।
2.एनटीपीसी की परियोजना पर पूर्ण रोक की प्रक्रिया प्रारंभ हो।
3.हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पूर्णतया बन्द हो ।
4.एनटीपीसी को पूर्व में हुए 2010 के समझौते को लागू करने को कहा जाय, जिससे घर-मकानों का बीमा करने की बात प्रमुख है ।
5.जोशीमठ के समयबद्ध विस्थापन, पुनर्वास एवं स्थायीकरण के लिये,जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को शामिल करते हुए एक अधिकार प्राप्त उच्च स्तरीय कमेटी का गठन हो ।
6.जोशीमठ में पीड़ितों की तत्काल आवास भोजन व अन्य सहायता हेतु एक समन्वय समिति बने जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किया जाय । लोगों के घर मकानों का आंकलन करते हुए मुआवजा व उनके स्थाई पुनर्वास की प्रक्रिया तुरन्त प्रारंभ की जाए ।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि राज्य सरकार इस आपदा की घड़ी में विशाल ह्रदय से मानवीय दृष्टिकोण से पीड़ित जनता के हित मे सबको साथ लेकर चलते हुए कार्य करे। उन्होंने कहा,”हमारा मानना है कि सिर्फ प्रशासनिक मशीनरी के भरोसे, इस बड़ी आपदा से नहीं निपटा जा सकता। पूर्व की आपदाओं का भी यही सबक है। मुख्य विपक्षी दल के नाते हम कंधे से कंधा मिलाकर चलने और सहयोग करने का प्रस्ताव पुनः दोहराते हैं।”
यशपाल आर्य ने कहा है कि जोशीमठ व इसके निवासियों के भविष्य के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार शीघ्र कार्यवाही करे।