न्यूज़ 360

सीएम तीरथ सर, कोरोना की तीसरी लहर के खतरे से ऐसे कैसे बचेंगे पहाड़ के बच्चे! 1 लाख 15 हजार बच्चों पर महज एक डॉक्टर

Share now

चमोली: भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार से लेकर देश-दुनिया के कई एक्सपर्ट लगातार देश में तीसरी लहर के आने और उसमें बच्चोें के सबसे ज्यादा संक्रमण की आशंका जता चुके हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्यों से बच्चोें की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर ढाँचागत विकास की हकीकत पूछी है। लेकिन उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति चिन्ताजनक बनी हुई है। चमोली जनपद के सभी विकास खंडों में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। यहां छोटी-छोटी बीमारी के लिए लोगों को श्रीनगर या देहरादून इलाज के लिए जाना पड़ता है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या 0 से लेकर 17 वर्ष के बच्चों के लिए पैदा हो रही है। चमोली जनपद में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है। जिले में विभाग की ओर से 8 बाल रोग विशेषज्ञों के सापेक्ष महज 1 एक चिकित्सक की तैनाती की गई है। वहीं वर्तमान तक जिला चिकित्सालय के अलावा कहीं भी बच्चों के लिये अलग से वार्डों की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में सरकार की ओर से कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के पुख्ता इंतजामों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

सीमान्त जनपद चमोली में वर्तमान में 0 से 17 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों की जनसंख्या 1 लाख 15 हजार से अधिक है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिये जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में 2, उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में 1 और जोशीमठ, थराली, घाट, पोखरी और गैरसैंण चिकित्सा केंद्रों में 1-1 बाल रोग विशेषज्ञ के पद सृजित किये गये हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि वर्तमान में जिले के जिला चिकित्सालय में महज एक बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती की गई है।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में सर्वाधिक बच्चों के संक्रमण की एक्सपर्ट्स आशंका जता रहे हैं। ऐसे में चमोली जिले में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार, शासन और प्रशासन की तैयारियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रभारी सीएमओ, चमोली डा. एमएस खाती का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिकित्सकों और विशेषज्ञों की ओर से जताई जा रही आशंका के अनुरुप जिले में तैयारियां की जा रही हैं। जहां जिले में बच्चों के उपचार के लिये उपयोग में आने वाली दवाईयां और उपकरणों की निदेशालय से मांग की गई है। वहीं जिले के सभी 10 सीएचसी और पीएचसी में बच्चों के वार्ड बनाने की योजना तैयार की जा रही है।
रिपोर्ट: नितिन सेमवाल, स्थानीय पत्रकार, जोशीमठ

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!