भाकपा (माले) ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के संविदा कर्मियों के 9 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है। भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने एक बयान जारी कर कहा है कि स्वास्थ्य महकमे में काम करने वाले संविदा कर्मी लंबे अरसे से अपनी सेवाएं दे रहे हैं परंतु इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। कोरोना महामारी के दौर में भी अपनी जिंदगी का जोखिम उठाते हुए ये संविदा कर्मी निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, परन्तु न तो इनकी नौकरी सुरक्षित है, ना ही किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा इनको प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के महत्वपूर्ण हिस्से को संभालने वाले इन संविदा कर्मियों का आंदोलन दूसरे चरण में पहुंचने के बाद भी उत्तराखंड सरकार का इनकी मांगों के प्रति संवेदनहीन बने रहना निंदनीय है।
भाकपा(माले) ने विष्णुगाड़-पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना में कार्यरत उपनल कर्मियों को अनुबंध समाप्त होने के नाम पर नौकरी से हटाए जाने की तीव्र भर्त्सना की है। पार्टी ने मांग की है कि इन उपनल कर्मियों की सेवाएं तत्काल बहाल की जाए।
विष्णुगाड़ पीपलकोटी परियोजना में ही मजदूरों और कर्मचारियों के इस वर्ष के तीन महीने का तथा विगत वर्ष के तीन महीने का वेतन न दिए जाने की भी भाकपा माले ने कड़ी आलोचना की है। महामारी के इस दौर में मजदूरों और कर्मचारियों को वेतन से वंचित रखने आपराधिक उपेक्षा है। पार्टी ने मांग की है कि तत्काल बकाया वेतन का भुगतान किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से वेतन भुगतान समय पर हो।
Less than a minute