Dehradun ISBT Gangrape: क्या देवभूमि उत्तराखण्ड में भी अब बेटियां सुरक्षित नहीं है? यह सवाल आज हरेक के मन में उठ रहा है क्योंकि पहले नर्स के साथ रेप के बाद हत्या की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई और उसके बाद देहरादून आईएसबीटी पर खड़ी बस में नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना से लोगों में भारी आक्रोश है। देहरादून पुलिस ने अब तक इस जघन्य अपराध में पाँच आरोपियों को गिरफ़्तार किया है।
देहरादून एसएसपी ने खुलासा किया है कि आईएसबीटी पर किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि बस के कर्मचारी ही किशोरी को दिल्ली से देहरादून लेकर आये थे और इसी बस में पांच लोगों ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस के अनुसार आरोपी 3 बस ड्राइवर, एक कंडक्टर, एक कैशियर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उत्तराखंड से अनुबंधित बस को भी बरामद कर कब्जे में ले लिया है।
आरोपियों में धर्मेंद्र कुमार(32) पुत्र यशपाल सिंह, निवासी ग्राम बंजारावाला ग्रांट, थाना बुग्गा वाला, हरिद्वार, देवेंद्र(52) पुत्र फूलचंद निवासी चुड़ियाला, भगवानपुर, हरिद्वार, रवि कुमार(34) पुत्र दयाराम निवासी ग्राम सिला, थाना – नवाबगंज, जिला फर्रुखाबाद, यूपी, राजपाल(57) पुत्र स्व. किशन सिंह निवासी बंजारावाला ग्रांट, थाना बुग्गावाला, हरिद्वार और राजेश कुमार सोनकर(38) पुत्र लाल चंद्र सोनकर निवासी माजरा, पटेलनगर, देहरादून शामिल हैं।
तीन आरोपी उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कर्मचारी
आरोपी धर्मेंद्र और रवि अनुबंधित ड्राइवर हैं और देवेंद्र विशेष श्रेणी कंडक्टर, राजपाल नियमित ड्राइवर और राजेश सोनकर नियमित कंडक्टर(वर्तमान में कैशियर सीट पर बैठ रहा था) है। अनुबंधित ड्राइवरों को छोड़कर तीन आरोपी उत्तराखण्ड परिवहन निगम के कर्मचारी हैं।
ज्ञात हो कि देहरादून आईएसबीटी पर 12 अगस्त की रात को एक नाबालिग को चाइल्ड लाइन टीम रेस्क्यू करती है और लड़की के बस में सामूहिक दुष्कर्म के बयान के आधार पर पटेल नगर पुलिस मामला दर्ज करती है।
सीसीटीवी फ़ुटेज से मिली मदद
पुलिस को जाँच में पता चला कि किशोरी पहले भी घर से भाग चुकी है । पुलिस ने आईएसबीटी पर घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फ़ुटेज खंगाल कर घटना में शामिल पाँच आरोपियों को गिरफ़्तार किया है।
उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष मिली नाबालिग से
घटना का खुलासा होने के बाद उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने केदारपुरम स्थित बालिका निकेतन पहुँचकर सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित किशोरी से मुलाक़ात कर घटना की विस्तृत जानकारी ली और हर संभव मदद का भरोसा दिया। कुसुम कंडवाल ने कहा है कि देवभूमि उत्तराखण्ड में इस तरह की घटना निंदनीय है और पुलिस की ओर से की जारी कार्रवाई पर पैनी नज़र रखी जाएगी।
मामले में पुलिस को चुनौती का सामना भी करना पड़ा क्योंकि किशोरी ने कई बार बयान भी बदले। हालाँकि पुलिस ने किशोरी के परिजनों का पता लगा लिया है और उनसे भी पूछताछ की जा रही है । किशोरी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की है।