देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी पूरी तरह थमा नहीं है और तीसरी लहर की चेतावनी से लोग खौफ में हैं। कुंभ आयोजन पर सुपरस्प्रेडर जैसे आरोप लग ही रहे, अब धामी सरकार ने सावन मास की कांवड़ यात्रा पर यू-टर्न मार दिया है।
तीरथ सरकार ने कांवड़ यात्रा पर कैबिनेट में फैसला लेकर रोक लगाई थी और नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोक पर यू टर्न लेते हुए यात्रा संचालन पर फिर के पड़ोसी राज्यों से विचार-विमर्श का रास्ता खोल दिया है। मतलब कल तक रोक और अब फिर कांवड़ संचालन को लेकर पड़ोसी राज्यों से विचार-विमर्श! पड़ोसी राज्यों में यूपी ने अपने यहाँ न तो कांवड़ पर रोक लगाई है और ना बाकी राज्यों को एतराज। संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा तो उत्तराखंड के लिए हैं क्योंकि कांवड़ यात्रा के लिए भक्त हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग से लेकर गंगोत्री तक गंगाजल लेने जाते हैं।
दरअसल राज्य में सीमित चारधाम यात्रा हो या नहीं हो इसे लेकर अभी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मसला अटका है। कुंभ के बाद बिगड़े हालात और चारधाम पर हाईकोर्ट की सख्ती के साथ-साथ तीसरी लहर के खतरे के चलते तीरथ सरकार ने 30 जून को पिछले साल की तरह इस बार भी सावन मास की कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का फैसला किया था। इसे लेकर एक जुलाई को शासनादेश भी जारी हो गया था लेकिन इसी दौरान तीरथ की छुट्टी हो गई और 4 जुलाई को नए मुख्यमंत्री आ गए।
एक दिन पहले उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फ़ोन पर बातचीत हुई जिसमें योगी ने कहा कि यूपी से आने वाले कांवड़ियों को गंगाजल ले जाने से रोका न जाए। इसके बाद से ही उत्तराखंड सरकार का स्टैंड कांवड़ यात्रा को लेकर बदलता दिखा। पहले ही सीएम धामी ने कह दिया था कि श्रद्धालुओं को निराश नहीं किया जाएगा और अब सरकार ने 30 जून के फैसले पर यू-टर्न लेकर कांवड़ यात्रा पर लगी रोक हटाते हुए पड़ोसी राज्यों से यात्रा संचालन के संबंध में विचार-विमर्श किया जाएगा।
बड़ा सवाल है कि एक तो पहले ही सरकार को कोविड की तीसरी लहर के मद्देनज़र स्वास्थ्य तैयारियों पर हाईकोर्ट में फटकार लग रही है और चारधाम पर हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर सरकार की एसएलपी अभी सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में यूपी सरकार कांवड़ यात्रा पर रोक नहीं लगा रही, तो क्या उत्तराखंड की धामी सरकार कैबिनेट फैसले से राज्य में लगी कांवड़ यात्रा पर रोक सिर्फ इसलिए हटा रही है क्योंकि योगी आदित्यनाथ ने फ़ोन कर ऐसा कहा? वो भी तब जब करीब ढाई से तीन करोड़ लोगों के कांवड़ यात्रा में आने के आसार हैं। यानी जब तीन जिलों में स्थानीय लोगों के लिए सीमित चारधाम यात्रा शुरू कराने को लेकर सरकार हाईकोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पा रही तब वह, हरिद्वार में तीन करोड़ लोगों के आगमन से पैदा होने वाले कोरोना संक्रमण का खतरा मोल किस आधार पर ले रही? या सिर्फ योगी आदित्यनाथ और यूपी सरकार को खुश करने के लिए इतना बड़ा जोखिम उठाया जा रहा?
कांवड यात्रा संचालन के सम्बन्ध में पड़ोसी राज्यों से किया जायेगा विचार विमर्श
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड यात्रा के संचालन के सम्बन्ध में गुरूवार को सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों की बैठक ली।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में पड़ोसी राज्यों के साथ व्यापक विचार विमर्श कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाय।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, सचिव श्री नितेश झा, श्री अमित नेगी, श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी. रविशंकर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सेंथिल अवूदई कृष्णराज के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।