बीजेपी-कांग्रेस के तमाम विधायक धामी से सीखें महामारी में मददगार कैसे बना जाता है

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  • विधायक निधि से दो करोड़ दिए, अपने दो होटल- एक डॉक्टरों के लिए दूसरा कोविड मरीजों के लिए प्रशासन को सौंपे

देहरादून (पवन लालचंद): कोरोना की दूसरी लहर देश और प्रदेश में कहर बरपा रही है। उत्तराखंड में न केवल पॉजीटिविटी रेट बढ़ रही है बल्कि कोरोना मरीजों में मृत्यु दर का बढ़ना खतरे का संकेत दे रहा है। इस बीच, कोविड के खिलाफ लड़ाई में सरकारी तैयारियों और अस्पतालों में ऑक्सीजन से लेकर आईसीयू बेड को लेकर कैसी मारामारी है इसकी तस्वीर हाईकोर्ट की ‘महामारी में सोई सरकार’ जैसी तल्ख़ टिप्पणी से बखूबी समझी जा सकती है। ऐसे हालात में बार-बार सवाल उठ रहा है कि आखिर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के चुने हुए जनप्रतिनिधि कहां हैं और अपने क्षेत्र की जनता को महामारी से जंग में किस तरह मदद पहुँचा रहे हैं। लेकिन धारचूला विधायक हरीश धामी कोरोना महामारी में कैसे अपने क्षेत्र की जनता के साथ खड़े हैं ये तमाम दूसरे विधायकों के लिए एक नसीहत जैसा है।

हरीश धामी ने मंगलवार को डीएम और सीडीओ से मिलकर कोरोना जंग में ‘अपनों’ की मदद के लिए विधायक निधि से दो करोड़ देने का ऐलान किया, वहीं मदकोट के अपने दो होटल भी कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए फ्री में प्रशासन को सौंप दिए हैं। विधायक धामी ने कहा है कि धारचूला और मुनस्यारी में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित करने के लिए 90 लाख रु खर्च होंगे। जबकि धारचूला विधानसभा क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में ऑक्सीमीटर, मास्क और सेनिटाइजर युक्त मेडिकल किट बांटने के लिए 40 लाख रुपए दिए हैं। कांग्रेस विधायक ने ऐलान किया है कि उनकी विधायक निधि के बचे दो करोड़ रु क्षेत्र की जनता को कोरोना से बचाने की लड़ाई में लगाए जाएंगे।
विधायक हरीश धामी की 25 वर्षीय पुत्री की असामयिक मौत को हफ़्ताभर भी नहीं गुज़रा है और इस घटना से टूटे धामी अपने क्षेत्र की जनता के साथ खड़े होकर अपना दर्द बांट रहे हैं। धामी फेसबुक पर लगातार भावुक होकर लिख रहे हैं और कोरोना काल में जनता के साथ खड़ा रहने का दावा कर रहे हैं।


धामी ने अपनी विधायक निधि कोविड रोकथाम में खर्च करने से पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से उनके विचार भी माँगे कि जनता की इस निधि को कहां खर्च किया जाए।
सवाल है कि सूबे के और कितने विधायक हैं जो कोरोना काल में पैदा हुए इन भयावह हालातों में घर दुबके होने की बजाय जनता के साथ खड़े हैं और अपनी विधायक निधि से जनता को हर संभव मदद पहुँचाने की कोशिश रहे हैं। कम से कम हरीश धामी ने शुरुआत कर दी है अब कितने विधायक इस राह चलते दिखते हैं इस पर नजर बनाए रखिएगा क्योंकि अब भले न आएँ, चंद महीनों बाद आपके ‘माननीय’ आपके दरवाजे दस्तक देने जरूर आएंगे।


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