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‘ये दिल को चाक करने वाली खबर है ! अंधेर नगरी, चौपट राजा का सीधा प्रसारण चल रहा…ऐसे ही अगला दशक उत्तराखंड का बनाएँगे, मुख्यमंत्री जी ?’

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दृष्टिकोण (इंद्रेश मैखुरी): एक लड़की यह खुशी साझा करने गयी कि उसकी सरकारी नौकरी लग गयी और मारी गयी ! यह बात क्या विश्वास करने योग्य है ? लेकिन अविश्वसनीय सी लगने वाली इस बात के हकीकत में बदलने पर, देहरादून में एक युवती अपनी ज़िंदगी से हाथ दो बैठी !
देहरादून के जौनसार क्षेत्र की 22 वर्षीय युवती का शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक पद पर हाल ही में चयन हुआ था. इस खुशी को साझा करने वह करनपुर स्थित उस कोचिंग संस्थान में गयी, जहां वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के सिलसिले में जाया करती थी. वहां से वापस लौटते समय वो अपने भाई के साथ देहरादून के सबसे बड़े कॉलेज- डीएवी (पीजी) कॉलेज के बगल से गुजर रही थी. अचानक कॉलेज की दीवार, उस युवती और उसके भाई पर भरभरा कर गिर पड़ी. भाई घायल हुआ और उक्त युवती अपनी जान ही गंवा बैठी !


इस मामले में अखबारों में छात्र नेताओं का बयान छपा है कि उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक दीवार मरम्मत करवाने की मांग की थी. कॉलेज के प्राचार्य कह रहे हैं कि वन विभाग ने समय से पेड़ काटने की कार्यवाही नहीं की !

यह तर्क सुन कर ऐसा लगता है कि भारतेन्दु हरिश्चंद्र के अंधेर नगरी, चौपट राजा का सीधा प्रसारण चल रहा हो, जिसमें दुकान की दीवार पर मजदूर के गिरने के लिए पहले दुकान मालिक, राजमिस्त्री, मजदूर, भिश्ती और अंततः वह रामदास नाम का बाबा दोषी ठहराया जाता है, जो उस दीवार के निर्माण के वक्त वहां से चिमटा बजा कर जा रहा था !
नाटक में जो हास्य का सबब है, वही यथार्थ में बेहद जानलेवा सिद्ध होता है, यह देहरादून में दीवार की चपेट में आई युवती के प्रकरण से स्पष्ट है.


जरा सोचिए, उस युवती की गलती क्या थी ? क्या यह कि वह अपने चयन की खुशी साझा करने कोचिंग संस्थान गयी ? या उसकी गलती यह थी कि वह डीएवी कॉलेज की दीवार के बगल से पैदल गुजर रही थी ?
उस युवती की जिदंगी की लौ बुझाने के लिए उत्तरदायी कौन है ? उस युवती के परिवार को जिस पीड़ा, जिस यंत्रणा से गुजरेगा, क्या उसकी कोई भरपाई संभव है ?
जहां एक पेड़ कटवाने और दीवार की मरम्मत के लिए लोग मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायत करने जाएँ और उसके बाद भी कार्यवाही के बजाय एक युवती की जान चली जाये, ऐसे ही अगला दशक उत्तराखंड का बनाएँगे, मुख्यमंत्री जी ?

(लेखक सीपीआई(एमएल) नेता और राज्य आंदोलनकारी हैं)

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