- 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नेताओं को भाजपा ने दिखाया था बाहर का रास्ता, साढ़े चार साल से घर वापसी की राह देख रहे निलंबित नेता
- राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे में थी घर वापसी की उम्मीद, पार्टी ने दिया झटका, प्रासंगिकता देखकर ही होगी घर वापसी
देहरादून (पंकज कुशवाल): आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हरिद्वार पहुंचे हैं और 2022 की चुनावी तैयारियों की समीक्षा को लेकर ताबड़तोड़ बैठकों का दौर जारी है। जेपी नड्डा के दौरे से पहले 2017 में भाजपा विधायक प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे और छह साल के लिए निलंबित चल रहे बागी प्रत्याशियों को घर वापसी की आस थी लेकिन यह आस पूरी होती नहीं दिख रही है। जिलाध्यक्षों के जरिए सम्मानजनक वापसी की आस लगाए बैठे बागी प्रत्याशियों के लिए फिलहाल घर वापसी की राह मुश्किल दिख रही है। जेपी नड्डा के कार्यक्रम से पहले साफ भी हो गया है कि 2017 में पार्टी से बगावत कर चुनावी ताल ठोंकने वाले बागी प्रत्याशियों को पार्टी उनकी प्रासंगिकता के आधार पर ही घर वापसी करवाएगी न कि जिलाध्यक्षों के अनुरोध-विनोद पर।
विधानसभा चुनाव 2017 में टिकट की आस लगाए भाजपा नेताओं ने टिकट न मिलने पर बतौर निर्दलीय ही चुनावी मैदान में ताल ठोक दी थी। हालांकि, प्रचंड भाजपा लहर में बागी प्रत्याशी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों का नुकसान तो नहीं कर सके लेकिन बगावत का खामियाजा उन्हें पार्टी की सदस्यता से निलंबित होकर चुकाना पड़ा। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान ही भारतीय जनता पार्टी ने करीब 17 बागी प्रत्याशियों और उनके समर्थन करने वाले तीन दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
हालांकि, लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बागी प्रत्याशियों का समर्थन करने वाले ज्यादातर भाजपा नेताओं के निलंबन को पार्टी ने निरस्त कर उनकी घर वापसी करवा दी लेकिन बागी प्रत्याशियों का निलंबन जारी रहा। भाजपा विधायकों के खिलाफ बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे बागी प्रत्याशी पिछले चार सालों से पार्टी में वापसी की राह देख रहे थे। जिलाध्यक्षों ने उनकी वापसी का मैदान भी तैयार कर दिया था लेकिन प्रदेश संगठन की ओर से हरी झंडी न मिलने से बागी प्रत्याशियों का घर वापसी का इंतजार लंबा खिंचता गया।
अब उम्मीद थी कि जब चुनावी साल है और बागी प्रत्याशी सारे गिले शिकवे भुलाकर पार्टी संगठन के लिए काम करने का दावा करेंगे तो पार्टी उन्हें हाथों हाथ लेगी, इसके लिए हर जिले के जिलाध्यक्षों ने भी खूब दौड़ भाग की लेकिन बागी प्रत्याशियों की सारी उम्मीदों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पानी फेर दिया। जिलाध्यक्षों के जरिए संगठन में वापसी की आस लगाए 2017 के बागी प्रत्याशियों को नड्डा ने जोर का झटका दिया है। उन्होंने जिलाध्यक्षों द्वारा बागी प्रत्याशियों की घर वापसी के प्रस्तावों को नकार दिया है।
हालांकि, कहा जा रहा है कि बागी प्रत्याशियों पर फैसला प्रदेश संगठन लेगा लेकिन अंदर की बात यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी टीम के जरिए बागी प्रत्याशियों की प्रासंगिकता की रिपोर्ट जुटा रहे हैं जो 2022 में पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा उसकी घर वापसी का सिग्नल ही प्रदेश संगठन को मिलेगा। बाकी बागी प्रत्याशियों को 2022 में भी पार्टी खुद से दूर ही रखेगी। क्योंकि, निलंबन भी छह वर्ष का था और कायदे से अभी साढ़े चार साल ही हुए हैं।
ऐसे में उम्मीद थी कि शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड दौरे और महत्वपूर्ण बैठकों के दौरान बागी प्रत्याशियों की सम्मानजनक तरीके से वापसी होगी लेकिन बैठक से पहले ही पार्टी संगठन ने साफ कर दिया है कि जिलाध्यक्षों की सिफारिश पर फिलहाल किसी भी बागी प्रत्याशी की वापसी नहीं होगी।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)