
Uttarakhand News: देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी द्वारा 47 साल पहले थोपी गई इमरजेंसी के विरोध में लोकतंत्र बचाने के लिए बड़ी तादाद में लोगों ने जेल की यातनाएं भोगी। अब धामी सरकार ने ऐसे लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान पेंशन राशि 16 हजार से चार हजार बढ़ाकर 20 हजार रुपए/प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश के अनुसार धामी सरकार ने निर्णय लिया है कि 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक जब देश में आपातकाल लागू कर दिया गया था तब मीसा (Maintenance of Internal Security Act-MISA) के तहत लोकतंत्र बचाने के लिए जेल की यातनाएं भोगने वाले सेनानियों को अब प्रतिमाह 20 हजार रुपए की सम्मान पेंशन राशि मिला करेगी।

आपातकाल (Emergency)
ज्ञात हो कि आज से 47 साल से भी कुछ माह पहले 25-26 जून की दरम्यानी रात भारत में लोकतंत्र का गला घोटकर राजनीतिक विरोधियों और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ दमनकारी चक्र शुरू किया गया था। तब देश की प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी थी और 12 जून1975 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के उनके चुनाव को रद्द करने के फैसले से घबराई इन्दिरा ने इमरजेंसी लगा दी।
