देहरादून: उत्तराखंड में सोमवार मध्य रात्रि 12 बजे से हड़ताल पर बैठे तीनों ऊर्जा निगमों के 3500 से अधिक कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है। आज धामी सरकार ने ऊर्जा कर्मियों की हड़ताल और आगे दूसरे कर्मचारी संगठन सड़क पर न उतरे इसके लिए दोहरी नीति अपनाई। एक तरफ ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ऊर्जा कर्मियों के साथ वार्ता के लिए बैठे और दूसरी तरफ सरकार ने छह माह तक हड़ताल न हों इसके लिए एस्मा लागू कर दिया। बाक़ायदा अपर सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने एक माह के भीतर माँगों पर अमल का आश्वासन देकर कर्मचारियों को हड़ताल स्थगित करने के लिए राजी कर लिया। हरक सिंह रावत ने आश्वासन दिया है कि जो समस्याएँ उनके स्तर की हैं उनका समाधान 15 दिनों में कर दिया जाएगा। जबकि जो कैबिनेट लेवल के इश्यू हैं उनके लिए एक महीने का समय दिया गया है।
दरअसल अपनी 14 सूत्रीय माँगों को लेकर UPCL, UJVNL और PITCUL के 10 कर्मचारी संगठनों के 3500 से अधिक कर्मचारी हड़ताल के रास्ते पर थे। ऊर्जा मंत्री डॉ हरक के साथ वार्ता से पहले खबर आई कि एमडी दीपक जोशी के साथ संयुक्त मोर्चा नेताओं की जमकर कहा-सुनी हुई, नौबत नारेबाज़ी तक की आई।
बहरहाल अब सरकार ने जहां एक माह में ऊर्जा कर्मियों की माँगें मानने का वादा किया है वहीं छह माह के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण क़ानून यानी ESMA लागू कर सरकार ने चुनावी सीजन में आए दिन उठ रही कर्मचारी तबके का हड़ताल की धमकियों पर ताला लगा दिया है। हालाँकि ऐसे ही हालात में रोडवेज कर्मचारी हाईकोर्ट गए थे, जहां सरकार की जमकर फजीहत हुई है और अब पेंडिग वेतन देना पड़ रहा है।