दिल्ली/ देहरादून: पहाड़ कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष चयन पर घमासान इतना बढ़ा कि आखिर में पार्टी को वन लाइनर रिजॉलूशन पारित कर फैसला आलाकमान पर छोड़ना पड़ा। सोमवार को प्रदेश प्रभारी की अगुआई में विधायकों की बैठक में नतीजा नहीं निकल पाया था जिसके बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के पाले में बॉल डाल दी गई। लेकिन इसी के साथ मंगलवार को ये खबर सोशल मीडिया में चलने लगी कि प्रीतम सिंह अध्यक्ष पद छोड़कर नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए तैयार हो गए हैं, बशर्ते जो नया प्रदेश अध्यक्ष बने वो उनकी पसंद का बनाया जाए। अब अगर ऐसे कांग्रेस नेतृत्व दबाव में आएगा तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी कहेंगे कि नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष उनकी ही पसंद का बने आखिर वे कांग्रेस में सबसे वरिष्ठ ठहरे!
यही सवाल जब The News अड्डा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से पूछा तो उन्होंने तपाक से कहा,” भला ऐसा भी होता है क्या राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में कि नेता प्रतिपक्ष तभी बनूंगा जब अध्यक्ष मेरी पसंद का बनाया जाएगा! सबको पता है कि हम सभी ने कल वन लाइनर रिजॉलूशन पारित कर अपनी सुप्रीम नेता सोनिया गांधी को अधिकृत कर दिया है फैसला लेने के लिए, अब जब भी जो फैसला लिया जाएगा वह हम सबको स्वीकार्य होगा।”
दरअसल इसी महीने नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा ह्रदयेश के आकस्मिक निधन के बाद कांग्रेस के सामने चुनावी साल में बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है कि विधायक दल का नया नेता चुना जाए। हरदा और प्रीतम कैंपों में बंटी पहाड़ कांग्रेस में नए सीएलपी लीडर का चुनाव घमासान में तब्दील हो गया जिसके बाद पार्टी आलाकमान पर फैसला छोड़ा गया है।