
कांग्रेस में मचे कलह के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले।
दिल्ली: कैप्टेन-सिद्धू झगड़े में पंजाब में उलझी कांग्रेस चन्नी को सीएम बनाकर राहत की आस लगा रही थी लेकिन पार्टी प्रधान पद से नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक इस्तीफा देकर कांग्रेस के लिए नया संकट खड़ा कर दिया है। इसी असंतुष्ट नेताओं के धड़े जिसे G-23 कहा जाता है, ने कांग्रेस नेतृ्त्व और राहुल गांधी पर सवाल खड़े कर दिये हैं। गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की है। आजाद की चिट्ठी से पहले जी-23 के दूसरे नेता कपिल सिब्बल ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि हम सवाल पूछते रहेंगे। सिब्बल ने राहुल गांधी पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि ‘जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं।’
सिब्बल ने आगे कहा, ‘कांग्रेस का कोई इलेक्टेड प्रेसिडेंट नहीं है, पर फैसला कोई न कोई तो ले ही रहा है ना। गलत हो, सही हो.. ये चर्चा वर्किंग कमेटी में होनी चाहिए। लोग पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं, ये सोचने की जरूरत है।’
सिब्बल ने कहा, ‘हम G-23 हैं, निश्चित तौर पर जी हुजूर-23 नहीं हैं। हम मुद्दे उठाते रहेंगे। मैं आपसे कांग्रेस के उन लोगों की तरफ से बात कर रहा हूं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में CWC और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को चिट्ठी लिखकर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने की मांग की थी। हम पार्टी नेतृत्व की तरफ से अब भी उस पर एक्शन लिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’
सिब्बल ने कहा,’ CWC की मीटिंग बुलाएं, चर्चा हो कि पार्टी कहां खड़ी है। हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हम नहीं जानते कि ये फैसले कौन ले रहा है। हालांकि, हमें मालूम है, लेकिन तब भी हम यह बात नहीं जानते। हमारे सीनियर साथियों में से किसी ने तुरंत CWC की मीटिंग बुलाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को या तो चिट्ठी लिखी है या जल्दी लिखी जाने वाली है। इससे हमें पार्टी के हालात पर बात करने का मौका मिलेगा। हम यह जान सकेंगे कि अभी पार्टी कहां खड़ी है।’
पंजाब में पार्टी के घटनाक्रम पर सिब्बल ने कहा,’एक बॉर्डर स्टेट पंजाब में कांग्रेस पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उसका मतलब क्या है? यह ISI और पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने जैसा है। हम पंजाब का इतिहास जानते हैं और वहां पनपे उग्रवाद की जानकारी भी हमें है।’
जाहिर है पहले कपिल सिब्बल का कांग्रेस लीडरशिप पर हमला और उसके बाद गुलाम नबी आजाद का सोनिया के नाम लेटर अटैक बताता है कि अभी G-23 के साथ झगड़ा और बढ़ेगा इसके थमने के चांस बहुत कम हैं। ऐसे हालात में यूपी, उत्तराखंड, पंजाब सहित पांच राज्यों में कांग्रेस की चुनावी तैयारियों पर कैसा असर पड़ेगा सहज समझा जा सकता है।