देहरादून: धामी सरकार में काबिना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने बीजेपी में रहते मौके-बेमौके अपने तीखे बयानों से साबित कर दिया कि वे जहां भी रहेंगे न केवल पार्टी अनुशासन से ऊपर रहेंगे बल्कि जो सही लगेगा उसे सही और गलत को गलत कहने से हिचकेंगे नहीं। फिर चाहे टीएसआर के सीएम रहते कर्मकार बोर्ड में नियुक्ति के मुद्दे पर भिड़ जाना रहा हो या रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के पक्ष में खुलकर उतर जाना रहा हो, हरक ने अपने तीखे तेवरों से पार्टी को बैकफुट पर आने को मजबूर कर दिया। ढैंचा बीज घोटाले में त्रिवेंद्र रावत को तत्कालीन सीएम हरीश रावत की मर्ज़ी के खिलाफ बचाने का बयान देकर हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री को तगड़ा झटका देने का काम किया।
मंगलवार को मसूरी में हरक सिंह रावत ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को याद करते हुए बड़ा बयान दिया कि शहीदों की आत्मा यह देथकर रोती होगी कि हमने कैसे-कैसे लोगों के हाथों मे सूबे की बागडोर सौंप दी। जाहिर है हरक का हमला ‘कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना’ की तर्ज पर कांग्रेस के इकलौते मुख्यमंत्री से लेकर बीजेपी के तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों से लेकर वर्तमान सीएम धामी तक को चोटिल कर गया।