
- मेरे ऊपर और धन सिंह रावत पर लगे सहकारिता और उच्च शिक्षा विभाग के आधा दर्जन से ज्यादा घोटालों के आरोपों की सिटिंग हाई कोर्ट जज से कराएं, एक हफ्ते में बनाएं कमेटी अन्यथा दूंगा आपके घर के बाहर धरना:गणेश गोदियाल
- मुख्यमंत्री से मिलकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने सौंपा मांगपत्र
देहरादून: श्रीनगर गढ़वाल की सियासत में वर्चस्व की राजनीतिक लड़ाई में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और धामी सरकार में काबीना मंत्री धन सिंह रावत न केवल एक दूसरे पर हमलावर हैं बल्कि अब मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंच गया है। रविवार को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर खुद के बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष रहते बीकेटीसी के वर्तमान सदस्य आशुतोष डिमरी द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप और उनके सियासी प्रतिद्वंदी और मंत्री डॉ धन सिंह रावत पर लगे आधा दर्जन से अधिक घोटालों की जांच नैनीताल हाई कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है।
गोदियाल ने कहा है कि 2012-2017 के उनके बीकेटीसी अध्यक्ष के कार्यकाल को लेकर आशुतोष डिमरी ने अनियमितता के आरोप लगाते हुए संबंधित विभाग के मंत्री से शिकायत करने की बजाय मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंदी और मंत्री धन सिंह रावत से की है जिसका संज्ञान लेकर धन सिंह ने जांच के आदेश कर दिए हैं। जबकि यह विषय उनके अधिकार क्षेत्र से परे था लेकिन श्रीनगर की राजनीतिक प्रतिद्विंद्वता के कारण मंत्री ने कदम उठाया।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मेरे द्वारा सहकारिता विभाग, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग से लेकर उच्च शिक्षा विभाग में मंत्री धन सिंह रावत की सरपरस्ती में हुए तमाम घोटालों पर निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
गणेश गोदियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की कि राजनीतिक जीवन लगे आरोपों को लेकर दोहरा मानदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए और तटस्थ भाव से कार्रवाई होनी चाहिए।
गोदियाल ने मुख्यमंत्री धामी से मांग की कि उनके बीकेटीसी अध्यक्षीय कार्यकाल में लगे अनियमितता के आरोप और धन सिंह रावत की सरपरस्ती में सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले, ऋण आवंटन घोटाले, शेयर खरीद घोटाले और उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्रवक्ता भर्ती घोटाले, निदेशक भर्ती घोटाले तथा स्वास्थ्य विभाग में फर्जी बिलों के आधार पर आयुष्मान योजना के तहत हुए घोटालों की जांच कराने के लिए हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में एक हफ्ते के भीतर अलग अलग जांच समितियां गठित की जाएं।
गोदियाल ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास के बाहर धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
