Delhi/Dehradun: अब तो ऐसा लगता है कि राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विकास कार्यों को ‘पंख’ लगाने दिल्ली दौरे पर भी जायेंगे तो ‘घर-बाहर’ के कुछ विघ्नसंतोषी ‘शुरू’ हो जाएंगे! माजरा ये था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ पहले से तय ‘देश की उत्तरी सीमाओं के अवस्थापना विकास” को लेकर मंगलवार शाम होने वाली बैठक में शिरकत करने को कुछ अफसरों के साथ गैरसैंण से सोमवार शाम ही सीधे दिल्ली लैंड कर गए। अरे भई! गैरसैंण का मौसम वैसे ही पल पल बदलता रहता है लिहाजा समय निकालकर एक दिन पहले ही अगर मुख्यमंत्री दिल्ली कैंप करने पहुंच गए तो इसमें भला कौनसा हर्ज!
अब हाल में दिल्ली का दो दिवसीय दौरे के बाद ठीक बजट सत्र के पहले ही दिन सीएम धामी गैरसैंण से दिल्ली उड़े और इधर चर्चाएं तैरना शुरू। कुछेक तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समय इसी महीने हुए गैरसैंण बजट की यादों में खोने लगे। कुछेक ने डिजिटल मीडिया में आदेश पाकर कागज कारे करने भी शुरू कर दिए।
चर्चाओं में ऐसा बवाल कटा कि उधर सीएम धामी दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में दिनभर डटे रहे बिना किसी दिग्गज से मिले राजनाथ सिंह की बैठक का इंतजार करते रहे और इधर विघ्नसंतोषियों ने नित नए नामों की पॉलिटिकल कुंडली बांचनी शुरू कर डाली। सवाल है कि आखिर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बनता बाद में हैं और विदाई को लेकर चर्चा पहले ही शुरू हो जाती है? आज के हालात की बात करें तो आखिर क्या मोदी-शाह को कर्नाटक विधानसभा चुनाव और राष्ट्रीय राजनीति के दूसरे तमाम झंझटों से फुरसत है जो बैठे बिठाए उत्तराखंड की ‘पॉलिटिकल लैबोरेटरी’ में नए प्रयोग की ‘हांडी’ चढ़ाएंगे!
न आज राज्य में विधानसभा चुनाव ही करीब कि बीजेपी पूर्व में जैसे गुजरात, त्रिपुरा और खुद उत्तराखंड की पुरानी कहानी दोहराए। फिर रही बात लोकसभा चुनाव की तो बीजेपी कब लोकसभा की लड़ाई किसी सीएम के चेहरे पर लड़ती आई है 2014 से! सब जानते हैं ये चुनाव खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपना चुनाव होता है जिसे वे खुद अपने हिसाब से लड़ते हैं। यानी अब विग्नसंतोषियों को भी असल खबर जान लेनी चाहिए कि आखिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अंदाज में कहें तो धाकड़ धामी इस बेहद अहम और पहले से प्रस्तावित मीटिंग के लिए एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंच गए थे।
जान लीजिए मीटिंग में उत्तराखंड के लिए क्या कुछ खास रहा?
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में “देश की उत्तरी सीमाओं के अवस्थापना विकास” के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ हवाई अड्डे को वायु सेना द्वारा विकसित किया जायेगा। पिथौरागढ़ हवाई अड्डे के संचालन के फलस्वरूप देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटक आसानी से पिथौरागढ़ पहुंच सकते है जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन सृजित होने के साथ ही एयर कनेक्टिविटी भी आसान होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सीमांत जनपदों में अवस्थापना विकास यथा रोड, रेल, दूरसंचार और वायुसेवा के कार्य तेजी किये जा रहे है। लंबित कार्यो को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित करने के लिए सीमांत जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रतिमाह बैठक आयोजित कर न्यूनतम समय में कार्यो को निस्तारित किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार सीमांत जनपदों में लंबित सभी कार्यो को प्राथमिकता पर सम्पादित कर रही है। सीमांत जनपदों में अवस्थापना विकास के कार्यों से प्रदेश में पर्यटन बढ़ने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है। यहां लगभग प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति प्रत्यक्ष/ परोक्ष रूप से सेना से जुड़ा है।सीएम ने कहा,”मैं स्वंय सैनिक परिवार से हूं। सेना के प्रति लोगों के दिल में अथाह प्रेम है। सेना के कार्य उत्तराखण्ड राज्य में प्राथमिकता के आधार पर करवाये जाएंगे।”
विघ्नसंतोषियों के कलेजे को ठंडक के लिए यह बताना भी जरूरी है कि इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू भी उपस्थित थे। CS संधू भी सीएम के साथ ही गैरसैंण से सीधे दिल्ली गए थे सोमवार को ही मंगलवार की इस बैठक में शिरकत करने।