कांग्रेस से ‘आजाद’ होते ही गुलाम के RaGa, ग्रैंड ऑल्ड पार्टी पर 10 प्रहार

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Veteran Leader Ghulam Nabi Azad’s resignation and attack on RaGa: कांग्रेस का चार-चार प्रधानमंत्रियों की सरकारों में केन्द्रीय मंत्री के तौर पर अहम जिम्मा संभालते रहे गुलाम नहीं आजाद ने आखिरकार कई दिनों से चली आ रही अटकलबाजी पर विराम लगाते हुए कांग्रेस को अलविदा कर दिया है। आजाद के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तभी से लगने लगी थी जब उनका राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने पर दोबारा मौका नहीं दिया गया था। राज्यसभा से विदाई के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जिस अंदाज ए बयां के साथ गुलाम की तारीफ़ों के कशीदे गढ़े थे उसी दिन वादी ए कश्मीर में नई सियासी हवा बहने के संकेत मिल गए थे।

लेकिन कांग्रेस से ‘आजाद’ होने से पहले गुलाम नबी ने पार्टी नेतृत्व खासकर राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। अपने विस्फोटक इस्तीफे के जरिए अविभाजित जम्मू – कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे आजाद ने राहुल गांधी के ‘कपड़े ही फाड़ डाले’ हैं।

इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और डॉ मनमनोहन सिंह की सरकारों में अहम भूमिका में रहे आजाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बाद दूसरे दिग्गज नेता हैं जो ग्रैंड ऑल्ड पार्टी को अलविदा कह गए हैं। आजाद कश्मीर में अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी से उनकी दोस्ती वादी ए कश्मीर में सियासत की नई पटकथा लिख सकती है।

कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा जैसे नेताओं के साथ मिलकर G23 बनाकर कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की बंयार के हिमायती बने गुलाम नबी आजाद के जाने के बाद अब अगला नंबर किसका होगा इसे लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। क्या आजाद की तरह ही आहत आनंद शर्मा भी बड़ा फैसला लेंगे या कोई और नेता ‘खेला’ करेगा यह देखना दिलचस्प होगा। बहरहाल आजाद ने विदाई लेते 10 प्रहार कर कांग्रेस को कसमसाने को मजबूर कर दिया है।

आजाद के अटैक में 10 का दम

  1. आजाद ने राहुल गांधी पर सबसे तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री ने चापलूसों को चांस दिया और दिग्गजों को दरकिनार कर दिया गया। आजाद ने आरोप लगाया कि राहुल की उपाध्यक्ष के रूप में जनवरी 2013 से पारी शुरू होने के बाद सलाह मशविरे की पार्टी रवायत को तिलांजलि दे दिया गया।
  2. आजाद ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की राजनीतिक अपरिपक्वता ने कांग्रेस का कबाड़ा करा दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मीडिया की मौजूदगी में मनमोहन सरकार का अध्यादेश फाड़कर अपने बचकाना प्रयास से प्रधानमंत्री की गरिमा तो ठेस पहुँचाई। आखिर यह अध्यादेश कांग्रेस कोर ग्रुप से होकर कैबिनेट तक पहुँचा था।
  3. आजाद ने आरोप लगाया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद राहुल गांधी ने आवेश में आकर इस्तीफा दे दिया और उससे पहले वर्किंग कमेटी के उन वरिष्ठ पदाधिकारियों को अपमानित किया जिन्होंने पार्टी के लिए पूरा जीवन लगा दिया।
  4. आजाद ने कहा कि जम्मू में पार्टी चला रहे गुट के लोग मेरे नाम की सांकेतिक शवयात्रा निकलवा देते हैं तो उन पर एकशन की बजाय राहुल गांधी उनका निजी तौर पर स्वागत सत्कार करते हैं। यही गुट सिब्बल के घर पर अटैक करता है जबकि सिब्बल तो अदालत में गांधी परिवार की पैरवी कर कहे थे।
  5. सोनिया और राहुल पर अटैक करते हुए आजाद ने कहा कि आपके नेतृत्व में कांग्रेस 2014 और 2019 के दो लोकसभा चुनाव हार गई और 2014 से 2022 तक 49 में से 39 विधानसभा चुनाव भी हार गई। आज सिर्फ दो राज्यों में कांग्रेसी सरकार है जबकि दो अन्य राज्यों में गठबंधन सरकार चल रही।
  6. आजाद ने आरोप लगाया कि आज भी कांग्रेस में छद्म नेतृत्व की तैयारी है जिन्हें गांधी परिवार की कठपुतली की तरह काम करना है।यह प्रयोग भी विफल होगा।
  7. कांग्रेस का नेतृत्व पिछले आठ सालों से गैर-गंभीर व्यक्ति के हाथ में होने से राज्यों में क्षेत्रीय ताक़तों और केन्द्र में भाजपा ने राजनीतिक स्पेस छीन लिया है।
  8. गांधी परिवार को भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा करनी चाहिए।
  9. आजाद ने आरोप लगाया है कि संगठन चुनाव की पूरी प्रकिया एक ढोंग हैं दिखावा है। 24 अकबर रोड पर बैठा एक गुट धाँधली करा रहा है जिसके लिए कांग्रेस नेतृत्व ज़िम्मेदार है।
  10. आजाद ने आरोप लगाया कि रिमोट कंट्रोल मॉडल ने यूपीए सरकार की सत्यनिष्ठा को डूबोने का काम किया।

गुलाम नबी आजाद ने अपने पांच पन्नों के इस्तीफे में कई और प्रहार गांधी परिवार पर किए हैं।


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