- गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं को लेकर कार्मिकों ने संघर्ष के लिए कमर कस ली है।
- उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्मिकों के वेतन से अंशदान कटौती कर गोल्डन कार्ड की समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखने के खिलाफ अब घेराव की रणनीति बनाई गई है।
- इसी कड़ी में 8 अगस्त को कार्मिक महासंघ के बैनर तले राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का घेराव होगा।
- इस घेराव में राज्य के कार्मिक, शिक्षक व पेंशनर्स तथा उनके परिवार के आश्रित सदस्य हिस्सा लेंगे।
- साथ ही एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी के जरिए महासंघ ने स्वास्थ्य प्राधिकरण के कर्ताधर्ताओं को कुंभकर्णी नींद से जगाकर कार्मिकों की पीड़ा से अवगत कराने की कोशिश की जाएगी।
- स्वास्थ्य प्राधिकरण से लेकर स्वास्थ्य मंत्री का दरवाजा खटखटाने के बाद रविवार को देहरादून में उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक महासंघ की सम्पन्न हुई बैठक में यह बड़ा निर्णय लिया गया है।
- इस बैठक में बड़ी संख्या में ऑनलाइन माध्यम से भी कार्मिक शिक्षक और महासंघ पदाधिकारी जुड़े।
देहरादून: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं, पुरानी एसीपी 10, 16 व 26 की व्यवस्था लागू किए जाने, शिथिलीकरण नियमावली 2021 को बढ़ाए जाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर रविवार को उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ की जनपद देहरादून में ऑफलाइन व ऑनलाइन बैठक हुई।
बैठक की अध्यक्षता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी व संचालन महासचिव जगमोहन सिंह नेगी द्वारा किया गया। बैठक में उपस्थित महासंघ के पदाधिकारियों के अतिरिक्त उत्तराखंड पेंशनर्स एसोसिएशन के शीर्ष पदाधिकारी तथा प्रदेश के प्रमुख सेवा संघ के शीर्ष पदाधिकारी तथा निगम निकाय कर्मचारी महासंघ के सभी प्रमुख पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। लगभग 4 घंटे की मैराथन बैठक में वक्ताओं द्वारा गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं को लेकर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथों लिया गया।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा अब तक महासंघ को आधिकारिक बैठक के लिए समय न दिए जाने पर राज्य के कार्मिक शिक्षक, पेंशनर्स व उनके आश्रित सदस्यों के चिकित्सा उपचार की पीड़ा को गंभीरता से न लिए जाने पर अत्यंत रोष व्यक्त किया गया।
साथ ही पुरानी पेंशन बहाली, पुरानी एसीपी की पूर्व व्यवस्था की बहाली, शिथिलीकरण नियमावली 2021 को पुनः प्रभावी किए जाने की मांग और वर्तमान में कैबिनेट द्वारा विभिन्न विभागों के वेतनमान डाउनग्रेड किए जाने के निर्णय पर आक्रोश व्यक्त करते हुए किसी भी दशा में इस निर्णय को प्रभावी न किए जाने हेतु सरकार से अनुरोध किए जाने का संकल्प लिया गया।
इसके बाद भी अगर वेतनमान डाउनग्रेड किए जाने का एकतरफा निर्णय लिए जाने की स्थिति उत्पन्न होती है तो ऐसी स्थिति में सभी प्रभावित विभागों सचिवालय, विधानसभा, राजभवन, उच्च न्यायालय, लोक सेवा आयोग, राजस्व परिषद, स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, सिंचाई विभाग तथा मिनिस्ट्रियल संवर्ग को साथ लेकर एक बड़े फ्रंट के बैनर तले लड़ाई लड़े जाने की सर्वसम्मति व्यक्त की गई।
देहरादून में हुई बैठक में ऑनलाइन माध्यम से भी लगभग 50 संगठनों के पदाधिकारी प्रतिभागी रहे। जबकि होटल गौरव निकट तहसील चौक के सभागार में बड़ी संख्या में विभिन्न सेवा संघों के प्रमुख व बड़े पदाधिकारी एक स्वर में आंदोलन करने की आवाज बुलंद करने के प्रतिभागी बने।
बैठक में वक्ताओं के सुझाव और विचार विमर्श के बाद महासंघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा सभी पदाधिकारियों की उपस्थिति में तय किया गया कि गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं को लेकर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के उदासीन रवैया व कार्मिकों शिक्षकों पेंशनर की पीड़ा का निदान हेतु पूर्ण रूप से उत्तरदायी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के विरुद्ध सर्वप्रथम बिगुल फूंके जाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत 8 अगस्त को प्रातः 11:00 बजे आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड से एकत्र होकर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर सभी पदाधिकारी कार्मिक, शिक्षक, पेंशनर्स और उनके परिवार के सदस्य एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व नारेबाजी करेंगे।
प्राधिकरण के स्तर से कोई अपेक्षित कार्रवाई अमल में ना लाए जाने की स्थिति में उसी दिन प्राधिकरण दफ्तर के बाहर महासंघ की कार्यकारिणी अपनी बैठक करते हुए अगले कार्यक्रम की चरणबद्ध योजना तय करेगी। आज की बैठक में यह भी तय किया गया है कि महासंघ की ओर से इस बीच मुख्यमंत्री से गोल्डन कार्ड की अव्यवस्थाओं के संबंध में मुलाकात कर पुनः अपना पक्ष रखा जाएगा। इसके बाद भी व्यवस्था ना सुधारे जाने की स्थिति में गोल्डन कार्ड की व्यवस्था को कार्मिक हित में उपयोगी बनाए जाने के निमित्त चरणबद्ध कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जाएगी।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर पर नियमित कार्मिकों की तैनाती तथा विगत 2 वर्षों से कट रहे अंशदान की वापसी के साथ-साथ धरातल पर गोल्डन कार्ड की व्यवस्थाएं दुरुस्त होने तक अंशदान की कोई कटौती न किए जाने तथा समानांतर रूप से तब तक चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को भी प्रभावी किए जाने की मांग भी महासंघ द्वारा आज रखी गई है।
बैठक में वक्ताओं के रूप में सचिवालय संघ के महासचिव विमल जोशी, निगम निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश राणा कोटी, अजय कांत शर्मा, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के अध्यक्ष डी एस अस्वाल, प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष पी सी सुयाल, पेंशनर्स एसोसिएशन के महामंत्री गिरीश चंद्र भट्ट, कृषाली, वीरेंद्र सिंह गुसाईं, बच्चे सिंह बिष्ट, किशन अस्वाल, दीपक सुंद्रियाल, डीपी चमोली, अनिल बलूनी, शेखर पंत, विवेक शाह, डॉक्टर मोहन लाल मिश्र, शंकर दत्त पाठक, राहुल कुमार, मोहन सिंह, आशुतोष सेमवाल, विक्रम रावत, अरविंद चौहान, केदार फरस्वान, कौशल मैथानी, हरभजन कौर, कुमारी प्रियंका आदि की भौतिक उपस्थित रहे।
जबकि ऑनलाइन माध्यम से अन्नू पुजारी, अमित थपलियाल,चमन असवाल,जी.एस. खाली,गिरीश असवाल,गिरीश सुयाल,पी.एस.सुयाल,जमन रावत,बल्वेदर सिंह,अजय कुमार,कुंवर सिंह राणा,मोहन राठौर,पीताम्बर दत्त,रणवीर सिंघवाल,रणवीर कुमार,रविन्द्र कुमार,रोहित बिष्ट,एस.के.नायर,सुधीर अमोली,स्वरूप जोशी,विक्रम सिंह झिंक्वाण,दीपक सिंह,राकेश सजवाण,दीपक सुंदरियाल,राजेश गोयल,सुनील कार्की,प्रवीण चौधरी,मुकेश ध्यानी,वंदना भट्ट,सुशील रावत, पंकज बिष्ट,मनोहर पुरोहित,महिपाल पंवार,के.पी.मेहता,चंदन कुमार,ललित काला,सतीश पाठक,नरेंद्र सिंह,प्रमोद कुमार रियाल,कैलाश मैठाणी, मनोज पंत,बलबीर सिंह भंडारी,रविंद्र कुमार,सोहन कुमार,सुभाष नौटियाल,मनोज पांडेय,जितेंद्र पंवार,कैलाश पपने,पंकज कुमार पांडेय,भूपेंद्र जोशी,अखिलेश,अजय जोशी,मीनाक्षी उपाध्याय,चंदन सिंह बिष्ट,कमल नयन रतूड़ी, दीपक सिंह , देवेन्द्र रावत, दीपक गैरोला,रवि पंत,अनिल बलूनी, त्रिलोक रौतेला,बी.एस. रावत, विनय भट्ट,एस.पी. सेमल्टी,नरेश कुमार भट्ट,उपेंद्र मैठाणी, कैलाश पुनेठा,राकेश नेंगी,सतीश कोठियाल आदि सम्मिलित रहे।