

देहरादून: उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जानबूझकर बरती जा रही लापरवाही के चलते महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गोल्डन कार्ड सुविधा की बजाए सफेद हाथी साबित हो रहा है। कुछ समय पहले सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर करने के उद्देश्य से बड़ी लड़ाई छेड़ी थी जिसके बाद महकमे के साथ संघ का समझौता हुआ। लेकिन आज तक सचिवालय संघ की मांगों पर अमल नहीं हो रहा है। अब नए सिरे से सचिवालय संघ ने स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य प्राधिकरण के खिलाफ मुखर होने का मन बना लिया है।
मंगलवार को गोल्डन कार्ड की खामियों के समाधान को लेकर पूर्व में स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ किए गये समझौते का अब तक क्रियान्वयन न होने को पर सचिव स्वास्थ्य डा0 आर0 राजेश की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गयी। इस बैठक में सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव विमल जोशी को भी आमंत्रित किया गया था।
बैठक में पिछले साल 10 नवंबर को सचिवालय संघ सहित प्रदेश के विभिन्न संघों के पदाधिकारियों के साथ गोल्डन कार्ड की खामियों को लेकर किए गए समझौते के क्रियान्वयन पर विचार मंथन किया गया। संघ ने अभी भी कार्मिकों को गोल्डन कार्ड की खामियों से हो रही कठिनाई का पक्ष रखते हुए समझौते के अनुसार कार्यवाही न होने पर नाराजगी दर्ज कराई। साथ ही स्वास्थ्य प्राधिकरण की लचर कार्य प्रणाली पर आक्रोश व्यक्त करते हुए सचिव स्वास्थ्य से कार्यवृत्त पर अपेक्षित आदेश निर्गत करने तथा कार्मिक हित मे गोल्डन कार्ड को दुरुस्त करने की मांग की गई।
सचिव स्वास्थ्य के साथ आज लगभग 01 घंटे चली बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक व स्वास्थ्य प्राधिकरण को गोल्डन कार्ड को कार्मिकों, पेंशनर्स के प्रतिमाह अंशदान कटौती के आधार के अनुरूप वांछित सुविधाओं को सुनिश्चित किये जाने, सूचीबद्ध चिकित्सालयों में निरीक्षण करने तथा व्यवस्थाओं को ठीक करने व लम्बित बिलों का भुगतान तत्काल करने के निर्देश दिए गए। इतना ही नहीं पूर्व कार्यवृत्त के क्रियान्वयन पर तत्काल कार्रवाई करते हुए 10 दिन के बाद सचिवालय संघ के साथ पुनः बैठक कर व्याप्त खामियों को दूर किये जाने के निर्देश दिए गये। जाहिर है सचिवालय संघ अब गोल्डन कार्ड के मुद्दे पर और चुप बैठने को तैयार नहीं है।
