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गोल्डन कार्ड अब सफ़ेद हाथी नहीं रहेगा! सचिवालय संघ की कैंपेन का असर गोल्डन कार्ड योजना में बदलाव को स्वास्थ्य मंत्री धनदा राज़ी, संघ ने स्वास्थ्य सचिव से मिलकर जल्द शासनादेश जारी करने की मांग की

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देहरादून: मंगलवार को उत्तराखंड सचिवालय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात कर गोल्डन कार्ड योजना को अटल आयुष्मान योजना से पृथक करने, कार्मिकों की इस स्वास्थ्य योजना को CGHS की दरों पर संचालित करने तथा नये सिरे से सम्पूर्ण चिकित्सालयों को सूचीबद्व किये जाने का संशोधित शासनादेश जल्दी जारी करने की मांग की। सचिवालय संघ द्वारा सचिव स्वास्थ्य को अवगत कराया गया कि कार्मिकों, पेन्शनर्स और परिवार के आश्रितों से जुड़ी इस मुहिम को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के स्तर पर रखी गई बातों को अपेक्षाकृत रूप में स्वीकार करने तथा मांग के अनुरूप प्रस्ताव को सचिवालय संघ की मांग के अनुरूप अनुमोदित कर दिया गया है, लिहाजा इससे सम्बन्धित सम्यक शासनादेश को अविलंब निर्गत कर दिया जाना चाहिए।

इस सम्बन्ध में सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि गोल्डन कार्ड की खामियों को लेकर प्रदेश के कार्मिकों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों की भावनाओं व अपेक्षित मांग के अनुरूप संघ द्वारा किए जा रहा प्रयास अन्ततः सफल होने की दिशा में हैं। जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सचिवालय संघ व समस्त कार्मिक वर्ग को विश्वास में लेते हुए अपेक्षित प्रस्ताव, जो मुख्यतः इस योजना को CGHS की दरों पर चलाये जाने को लेकर है, पर स्वीकृति प्रदान कर दिये जाने के उपरांत अब इससे सम्बन्धित संशोधित आदेश जारी होना है। इसके लिए सचिवालय संघ लगातार सक्षम स्तरों पर अपना दबाव बनाये हुए है और इसी कड़ी में आज सचिव वित्त से अनुरोध किया गया है।

संघ द्वारा विश्वास जताया गया है कि नये मुख्यमंत्री की सचिवालय सहित प्रदेश के कार्मिक, पेंशनर्स व उनके परिवार के आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहली लाभकारी सौगात होगी, जिसका इन्तजार सभी कार्मिक व पेंशनर्स बेसब्री से कर रहे हैं। सचिवालय संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सुनील लखेड़ा व महासचिव विमल जोशी द्वारा गोल्डन कार्ड का सुधारात्मक शासनादेश जल्दी जारी किये जाने का अनुरोध स्वास्थ्य सचिव से किया गया है।

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