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धामी सरकार के ‘गुड गवर्नेंस हाईवे’ पर घाटे के गड्ढों से निकलकर सरपट दौड़ी उत्तराखंड रोडवेज

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  • उत्तराखंड परिवहन ने धामी सरकार के गुड गवर्नेंस पर लगाई मुहर।
  • 20 साल के भीतर पहली बार घाटे से उभरकर की रिकॉर्ड 56 करोड़ मुनाफे की कमाई।
  • पहाड़ और मैदानी रूट पर जल्द दौड़ेंगी 330 नई आधुनिक बसें।
  • उत्कृष्ट परिणाम देने पर सचिवालय में परिवहन विभाग के सचिव अरविंद सिंह हयांकी एवं परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ आनंद श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया सम्मानित।
  • प्रदूषणमुक्त परिवहन को लेकर 151 बसों का दिल्ली मार्ग पर आवागमन।

Uttarakhand News: कहते हैं अगर सरकारें शिद्दत से प्रयास करें तो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हों या निगम, घाटे के गड्ढों से निकलकर मुनाफे की सड़क पर सरपट दौड़ लगा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुशासन मंत्र से संकल्पित उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार गुड गवर्नेंस मॉडल से विभाग दर विभाग लगातार पॉजिटिव पटकथा लिख रही है। अब उत्तराखंड रोडवेज यानी परिवहन निगम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गुड गवर्नेंस मॉडल को धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। परिवहन निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। परिणाम, अब जल्द पहाड़ से लेकर मैदानी रूट पर रोडवेज की सेवाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।


राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तरप्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई।

इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का स्पष्ट संदेश दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया।

अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 बस स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य


उत्तराखंड में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

“सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।”

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड)


“राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा।”

डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम
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