हरिद्वार: गुरुवार को गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय का 113 वां का दीक्षांत समारोह सम्पन्न हो गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया। सबसे पहले दीक्षांत यज्ञ हुआ जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आहूति दी। तदुपरान्त दीक्षांत समारोह आरंभ हुआ।
गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के 113 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी दीक्षांत समारोह उद्बोधन में कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द ने वैदिक शिक्षा पद्धति को जीवित रखने के संकल्प के साथ गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। आज यह संस्थान एक वटवृक्ष बन चुका है।
अमित शाह ने कहा गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय ने आधुनिक ज्ञान विज्ञान और प्राचीन ज्ञान विज्ञान के अद्भुत समन्वय का अद्भुत कार्य किया है। नव दीक्षित छात्र-छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में एक नई वैचारिक क्रान्ति लाएगी इसके माध्यम से क्लासलैस और स्ट्रीमलैस शिक्षा पद्धति को लागू किया जा जा रहा है। स्वामी दयानंद और स्वामी श्रद्धानन्द ने वैदिक शिक्षा को पुनर्जीवित करने का महान कार्य किया है यह प्राचीन भारतीय संस्कृति और वेदों के ज्ञान के साथ आधुनिक शिक्षा को जोड़ने का कार्य इस विश्वविद्यालय ने किया है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने छात्र-छात्राओं को भारत सरकार की स्टार्ट अप योजना के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने छात्रों के स्टार्ट अप के माध्यम संभावनाओं का नया आकाश खोला है। उन्होने छात्र-छात्रों से स्वामी श्रद्धानन्द के सपनों के भारत में अपना योगदान देने का आहवाह्न किया।
दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,”स्वामी श्रद्धानन्द की तपोभूमि गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा देने का कार्य करता है।”
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा,” यहाँ से शिक्षित और दीक्षित छात्र राष्ट्र विकास में अपना योगदान देंगे ऐसा उन्हें पूर्ण विश्वास है। स्वामी दयानंद और स्वामी श्रद्धानन्द की वैदिक ज्ञान परंपरा भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य करती है और यहाँ के छात्र इस परंपरा को जीवित रखेंगे।”
गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि यह एक महान तपस्वी और क्रांतिकारी स्वामी श्रद्धानन्द की कर्मस्थली है और यह विश्वविद्यालय अपने बड़े वैचारिक संकल्पों के लिए जाना जाता है। डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि अपने कुछ शक्तियाँ कतिपय निजी स्वार्थवश संस्था पर गिद्ध दृष्टि रखती हैं और एक संरक्षक के रूप में वे इसकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं उन्होने केंद्रीय गृह मंत्री से विश्वविद्यालय के संरक्षण करने का निवेदन किया।
दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति पथ अग्रसर है और भारती ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। अपने विस्तृत प्रतिवेदन में उन्होने विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों और विभागों की प्रगति के बारे में बताया। नव दीक्षित छात्रों को सत्य अन्वेषण और लोक उपकार के लिए कार्य करने के लिए कुलपति ने दीक्षा उपदेश भी प्रदान किया।
दीक्षांत समारोह के दूसरे सत्र में कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह और कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने पीएचडी ,स्नातकोत्तर,स्नातक और स्वर्ण पदक छात्र-छात्राओं को प्रदान किए। दीक्षांत समारोह का संचालन कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने किया।
इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के मुख्य संयोजक प्रो. श्रवण कुमार शर्मा, संयोजक प्रो. प्रभात कुमार, सह संयोजक डॉ. अजय मलिक, वित्ताधिकारी प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, प्रो. डी.एस. मलिक सहित विश्वविद्यालय के समस्त संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक-शिक्षेतर कर्मी उपस्थित रहें।
गृह मंत्री अमित शाह के हाथों इन्हें मिला स्वर्ण पदक
अविशी चौधरी- भौतिकी विज्ञान
वैभव काण्डवाल- बीएससी
प्रज्ञा चौधरी- एमएससी कंप्यूटर विज्ञान
ओम प्रकाश- एम ए संस्कृत साहित्य
सागर चिन्नयोटी – एमएससी सूक्ष्म जीव विज्ञान
अगली राम नवमी तक रामलला अपने मंदिर में होंगे विराजमान- अमित शाह
दीक्षांत समारोह में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज रामनवमी है और अगली रामनवमी तक रामलला अयोध्या के अपने नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होंगे।
दीक्षांत समारोह में ये संत रहे मौजूद
परमार्थ आश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि, महामंडलेश्वर कैलाशानन्द महाराज, महंत रवीन्द्र पुरी महाराज, यज्ञ मुनि महाराज, स्वामी जयंत, आचार्य राजेन्द्र, आचार्य विजयपाल शास्त्री, स्वामी प्रणवानन्द, स्वामी यतीश्वरानन्द आदि मौजूद रहे। प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे।
दीक्षांत समारोह में मौजूद रहे ये राजनेता
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद डॉ. नरेश पोखरियाल ‘निशंक’ राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, राज्य सभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधायक मदन कौशिक,विधायक आदेश चौहान आदि नेतागण उपस्थित रहे।