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उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लगाए रुद्राक्ष और आम के पौधे: क्यों कहा- हरेला पर्व पर सिर्फ पौधे रोपने तक सीमित न रहें

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Harela Festival Uttarakhand: उत्तराखंड में 16 जुलाई से लोकपर्व हरेला का शुभारंभ हो गया। हरेला देवभूमि का लोकपर्व ही नहीं है बल्कि यह प्रकृति प्रेम और हरियाली का प्रतीक भी है। ऐसी मान्यता है कि हरेला पर्व पर रोपा गया पौधा सूखता नहीं है और इस तरह से मानव को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपना कर्तव्य निभाने का अवसर मिलता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर युवाओं और राज्य में आ रहे शिवभक्त कांवड़ियों का आह्वान किया है वे पौधारोपण कर प्रकृति के प्रति अपनी जागरूकता और सजगता का उदाहरण पेश करें। उधर सत्ताधारी भाजपा ने भी 23 जून से प्रकृति संरक्षण का अभियान शुरू कर रखा है जिसके तहत पार्टी पांच लाख पौधे लगाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हरेला पर्व के अवसर पर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के निकट वन विभाग द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने पौधा रोपण किया। सीएम ने रुद्राक्ष और आम के पौधे लगाए।मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने वाले पारंपरिक पर्व हरेला की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें हरेला पर्व पर सिर्फ पौधे रोपने तक सीमित नहीं रहना है बल्कि उनके संरक्षण और संवर्धन पर भी ध्यान देना होगा। इसमें जन जन की भागीदारी की दरकार है तभी हम अपनी भावी पीढ़ियों को बेहतर पर्यावरण दे पाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला पर्व के तहत एक माह तक वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयासों की जरूरत है। प्रत्येक जनपद में जल स्रोतों एवं गदेरों के पुनर्जीवन एवं संरक्षण के लिए कार्य किए जायेंगे। नदियों के संरक्षण एवं नदियों के पुनर्जीवन थीम पर इस वर्ष हरेला पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास एवं पर्यावरण में संतुलन होना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखंड की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए इस पर्व को सांस्कृतिक धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि पौधारोपण एवं प्रकृति के संरक्षण से ही हम शुद्ध हवा शुद्ध जल एवं अन्य प्राकृतिक लाभ ले सकते हैं। एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमे अपने भविष्य को संवारना होगा एवं पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा ।

वन मंत्री ने कहा कि पौधों के संरक्षण एवं प्रकृति की स्वच्छता का कार्य प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से विशेष आग्रह करते हुए पौधारोपण एवं स्वच्छता कार्यक्रमों पर ज्यादा से ज्यादा अपना सहयोग देने की बात कही । उन्होंने कहा कि हरेला पर्व पर प्रदेश में 15 लाख वृक्ष लगाए जायेंगे जिनमें 50 प्रतिशत फलदार पौधे होंगे।

इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक उमेश शर्मा काऊ, प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डॉ. आर राजेश कुमार एवं वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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