न्यूज़ 360

लोकपर्व हरेला उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक: सीएम धामी

Share now

मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को लोकपर्व हरेला की शुभकामना

पर्यावरण संरक्षण तथा प्रकृति को महत्व देने की है हमारी परम्परा

हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की है पहचान- मुख्यमंत्री

Dehradun News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित लोक पर्व ‘‘हरेला‘‘ उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक परम्परा का प्रतीक है। पर्यावरण संरक्षण तथा प्रकृति को महत्व देने की हमारी परम्परा रही है। यह पर्व समृद्धि, संस्कृति के महत्व हरियाली तथा पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला सुख-समृद्धि व जागरूकता का भी प्रतीक है। हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण के प्रति ध्यान देना होगा। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से आज दुनिया भर के देश चिंतित हैं। यह पर्व ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का भी संदेश देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण के साथ उनके संरक्षण के प्रति भी ध्यान देना होगा। वृक्षारोपण के लिये जन सहभागिता को जरूरी बताते हुए इसमें सभी संस्थाओं सामाजिक संगठनो से भी सहयोग की भी उन्होंने अपेक्षा की है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। उत्तराखंड जैव विविधताओं वाला राज्य है, यहां का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। हम सभी को समर्पित भाव से प्रकृति संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना होगा।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निरंतर प्रयासों की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद में जल स्रोतों एवं गदेरों के पुनर्जीवन एवं संरक्षण के लिए कार्य किए जाने पर भी बल दिया है। नदियों के संरक्षण एवं नदियों के पुनर्जीवन के प्रयास समय की जरूरत है। विकास एवं पर्यावरण में संतुलन के साथ आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण मिले, इसके लिए भी पर्यावरण संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान है। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इसमें हम सबको सामुहिक रूप से जिम्मेदारी निभानी होगी तभी हम अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं की जड़ों से जुड पायेंगे।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!